अस्पताल में कहीं दवा नहीं तो कहीं खाली है फार्मासिस्ट के पद, स्वास्थ्य केंद्रों में दूर नहीं हो रही अव्यवस्था
बिलासपुर: CMHO के निरीक्षण के बाद भी स्वास्थ्य केंद्रों में दूर नहीं हो रही समस्याएं।प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निरीक्षण को लेकर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। गुरुवार को CMHO ने रतनपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। यहां दवाइयां की उपलब्धता नहीं थी और फार्मासिस्ट के पद भी खाली हैं। ऐसे में अस्पताल में अव्यवस्था नजर आई, जिसे दूर करने के निर्देश दिए गए। CMHO डॉ. महाजन लगातार अस्पतालों के निरीक्षण करने का दावा कर रहे हैं। इसके बाद भी समस्याएं दूर नहीं हो रही है। ऐसे में उनके निरीक्षण पर ही सवाल उठने लगा है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाकर लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं और निरीक्षण भी कर रहे हैं। ऐसे में जिला प्रशासन ने सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसर भी लगातार अव्यवस्था को दूर करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। शहर में निजी अस्पतालों पर कार्रवाई करने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों का निरीक्षण कर रहे हैं। लेकिन, इसके बाद भी अव्यवस्था दूर नहीं हो रही है।रतनपुर के स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों ने दवाइयां नहीं देने की शिकायत की।लेटलतीफी की शिकायत के बाद अब सुविधाओं का अभावस्वास्थ्य केंद्रों में पहले डॉक्टर और स्टाफ के लेटलतीफी की शिकायतें मिल रहीं थीं। निरीक्षण के दौरान CMHO डॉ. प्रमोद महाजन ने समय पर नहीं पहुंचने वाले डॉक्टरों और स्टाफ को शोकाज नोटिस जारी किया। अब जब डॉक्टर समय पर पहुंच रहे हैं फिर भी मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। कहीं मरीजों को उपचार की सुविधा नहीं मिल रही है, तो कहीं दवाइयां नहीं है।बिल्हा स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था पर AAP ने उठाए सवालतीन दिन पहले बिल्हा के स्वास्थ्य केंद्र में फूड प्वाइजनिंग के शिकार मरीजों का सही उपचार नहीं हो पाया था। इसके चलते AAP के नेताओं ने स्वास्थ्य केंद्र की अव्यवस्था पर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों का सही उपचार नहीं किया गया, जिसके चलते एक बच्ची की मौत हो गई।रतनपुर पहुंचे CMHO, डेढ़ साल से खाली है फार्मासिस्ट का पदगुरुवार की सुबह CMHO डॉ. प्रमोद महाजन रतनपुर स्थित स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। यहां उन्होंने उपस्थिति पंजी की जांच की। इसके साथ ही अस्पताल की सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्हें बताया गया कि अस्पताल में फार्मासिस्ट की कमी है। पहले यहां फार्मेसिस्ट थे। लेकिन उनका देहांत हो गया है, जिसके बाद से ही यहां समस्या हो रही है।मरीजों ने सुनाई व्यथा- बोले नहीं मिलती दवाइयांनिरीक्षण के दौरान डॉ. महाजन ने मरीजों से भी बातचीत की। इस दौरान इलाज कराने पहुंचे मरीज़ों ने बताया कि कभी कभी डाक्टर नहीं होने की वजह से इलाज नहीं हो पाता। वहीं अस्पताल में दवाइयां नहीं देने की शिकायत भी की। इसके चलते उन्हें बाहर से दवाइयों की खरीदी करनी पड़ती है। डॉ. महाजन ने दवाओं के स्टाक की जानकारी ली और कहा कि जो दवा खत्म हो गई है। उसका डिमांड बनाकर भेजने के निर्देश दिए।
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