दो दर्जन नोटिस थमाने और 19 करोड़ का जुर्माना ठोंकने के बाद भी नहीं सुधरी कम्पनी, अब अस्थायी टोल वसूली की जिम्मेदारी पाथ को सौंपी
इंदौर। बायपास के 40 किलोमीटर का इंदौर देवास के हिस्से की बदहाली जारी रही और पिछले दिनों हाईकोर्ट ने भी कड़ी फटकार लगाई थी, जिसके चलते नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने इंदौर-देवास टोल-वे लिमिटेड गायत्री प्रोजेक्ट से टोल वसूली फिलहाल निलंबित कर दी है। यानी यह कम्पनी अब टोल टैक्स वसूल नहीं करेगी और फिलहाल यह जिम्मा पाथ कम्पनी को अस्थायी रूप से सौंपा गया है। 300 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली नेशनल हाईवे को निलंबित कम्पनी से करना है, जिसके चलते अभी तक दो दर्जन से ज्यादा नोटिस थमाए जा चुके हैं। कम्पनी को 2036 तक टोल वसूली का ठेका दिया गया था।
इंदौर बायपास की बदहाली हमेशा सुर्खियों में रही है। खासकर जो संकरे बोगदे बनाए उनमें हमेशा ही यातायात जाम रहता है। गायत्री प्रोजेक्ट लिमिटेड तर्फे इंदौर-देवास टोल-वे लिमिटेड को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने कई नोटिस थमाए। बावजूद इसके सर्विस रोड सहित अन्य बदहाली दूर नहीं की गई। यहां तक कि पिछले दिनों इंदौर आए केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष भी इंदौर-देवास बायपास की बदहाली और संबंधित कम्पनी की लापरवाही उजागर की गई। पिछले दिनों इंदौर हाईकोर्ट में भी लगाई गई एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए नेशनल हाईवे, कलेक्टर सहित टोल टैक्स कम्पनी को नोटिस जारी कर दो टूक पूछा था कि इंदौर-देवास बायपास के हालात इतने बदहाल और बदतर क्यों हैं? अभी दो दिन पहले नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने टोल टैक्स वसूल करने वाली कम्पनी को निलंबित कर दिया। इसकी पुष्टि अथॉरिटी के इंदौर स्थित अधिकारी मनीष असाटी ने भी की है। उन्होंने बताया कि 300 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली भी कम्पनी से की जाना है। लिहाजा अभी अस्थायी रूप से टोल टैक्स वसूली का जिम्मा इंदौर की ही फर्म पाथ को सौंपा गया है। पाथ कम्पनी के प्रमुख नितिन अग्रवाल से पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी अस्थायी रूप से नेशनल हाईवे ने टोल वसूली की जिम्मेदारी इंदौर-देवास के दो टोल नाकों पर दी है। जल्द ही इसके लिए अलग से टेंडर भी नेशनल हाईवे द्वारा बुलाए जाएंगे। फिलहाल जो टोल टैक्स की दरें अथॉरिटी ने तय कर रखी हैं उसी के मुताबिक उनकी कम्पनी के कर्मचारी टोल टैक्स की वसूली करेंगे। उल्लेखनीय है कि पाथ के पास ही एमआर-10 टोल टैक्स वसूली का भी ठेका है, जिस पर इंदौर के वाहनों को टोल टैक्स से मुक्त कर रखा है। वहीं गायत्री प्रोजेक्ट को 2036 तक टोल टैक्स वसूली का ठेका मिला था।
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