दस साल बाद छोटा पड़ने लगेगा इंदौर का एयरपोर्ट, इसी को लेकर हो रही कवायद।
देवास जिले को बड़ी सौगात मिलने जा रही है। जिले के चापड़ा के पास देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट आकार लेगा। इसे इंदौर विमानतल के विकल्प के तौर पर विकसित किया जाएगा। ऐसी संभावना है कि दस साल के बाद इंदौर का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा छोटा पड़ने लगेगा। उसी तारतम्य में सारी कवायद की जा रही है। एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया की टीम ने हाल ही में दो बार इस जगह का सर्वे भी कर लिया है। विशेषज्ञों की टीम को तकनीकी रूप से प्रथमदृष्टया लोकेशन उपयुक्त लगी है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट मप्र शासन को भेज दी जाएगी। इतना ही नहीं, एयरपोर्ट के आसपास औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना भी है। सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो यह देवास जिले के खाते में बड़ी उपलब्धि होगी। लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
चापड़ा के पास इसलिए चुनी जगह
1. दूरी के अनुसार अनुकूल
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए चापड़ा के पास की जगह इंदौर के करीब है। इंदौर के विजयनगर से इसकी दूरी निर्धारित की गई है, जो एक घंटा 20 मिनट होगी। इसी प्रकार औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर भी अधिक दूर नहीं होगा। चापड़ा, इंदौर-बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग 59 ए पर स्थित होने से आवागमन की सुविधा भी मिलेगी।
2. तकनीकी दृष्टि से भी उपयुक्त
विशेषज्ञों की मानें तो किसी भी एयरपोर्ट को विकसित करने के लिए यह देखा जाता है कि उस जगह के आसपास पहाड़, नदी, नहर या हाईटेंशन लाइन न हो। पहाड़, नदी या नहर होगी तो वहां पक्षी आएंगे, विमान की उड़ान में इससे समस्या आती है। इसी तरह उच्चदाब की विद्युत लाइन के ऊंचाई से जा रहे तारों से भी परेशानी आती है। यह भूभाग उत्तर-दक्षिण दिशा में है। विमान की उड़ान के लिए हवाओं का रुख भी देखा गया है। आगामी 30 साल तक हवाओं का रुख कैसा होगा, यह भी देखा जा रहा है।
पांच किमी लंबाई और तीन किमी चौड़ाई वाली जगह चाहिए
एयरपोर्ट विकसित करने के लिए पांच किमी लंबी और तीन किमी चौड़ी जगह चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन के सहयोग से जगह को चिन्हित किया गया है। अब सब कुछ सर्वे टीम की राज्य शासन को भेजी जाने वाली रिपोर्ट पर निर्भर है। यदि तकनीकी रूप से इसे स्वीकृति मिल जाती है तो भूमि अधिगृहण की आगामी प्रक्रिया राज्य शासन की ओर से की जानी है।
इंदौर-बुधनी रेल लाइन का चल रहा काम
इसी क्षेत्र में इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन के लिए भी काम चल रहा है। यदि यहां एयरपोर्ट विकसित होता है तो नेशनल हाईवे के साथ रेलवे लाइन का भी फायदा मिलेगा।
तकनीकी रूप से जगह सही लगी
हमें राज्य शासन ने तीन साइट बताई थीं, इसमें चापड़ा के पास की जगह तकनीकी रूप से प्रथमदृष्टया उपयुक्त लगी है। रिपोर्ट जल्द राज्य शासन को भेजी जाएगी। यदि भूमि अधिग्रहण से लेकर सभी बातें सरकार पूरी कर देती है तो आगामी प्रक्रिया की जा सकती है।
टीम ने सर्वे किया है
टीम हाल ही में दो बार जगह का सर्वे कर चुकी है। रिपोर्ट आने के बाद आगामी जो भी प्रक्रिया होगी, वह की जाएगी। फिलहाल मामला प्राथमिक स्टेज पर है। – चंद्रमौली शुक्ला, कलेक्टर, देवास
सुजाय डे, डायरेक्टर प्लानिंग, एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया, दिल्ली
यह भी पढ़ें
5783900cookie-checkइंदौर विमानतल के विकल्प के तौर पर चापड़ा के पास बनेगा एयरपोर्ट
Comments are closed.