इजरायल में प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार गिर चुकी है और देश में एक बड़ा राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। इजरायल में अक्टूबर के आखिर में चुनाव हो सकते हैं। इजरायली पीएम नफ्ताली बेनेट के साथ एक डील के तहत विदेश मंत्री यायिर लैपिड आने वाले कुछ दिनों के लिए देश की सत्ता संभालेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री और मौजूदा विपक्षी नेता बेंजामिन नेतन्याहू ने सत्ता में लौटने की कसम खाई है।
सोमवार को नफ्ताली बेनेट और यायिर लैपिड संसद भंग करने के लिए सहमत हो गए। कई हफ्तों से ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि इजरायल का सत्तारूढ़ गठबंधन टूट सकता है। एक संयुक्त बयान में बेनेट और लैपिड ने अपने दलों के बीच गठबंधन को तोड़ने की जानकारी दी। इसमें कहा गया कि दोनों संसद भंग करने के लिए एक विधेयक लेकर आएंगे और अक्टूबर में चुनाव होने की उम्मीद है। नेतन्याहू को सत्ता से हटाकर सरकार बनाते समय बेनेट और लैपिड के बीच एक समझौता हुआ था जिसके तहत मौजूदा विदेश मंत्री कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे। इसका मतलब है कि अगले महीने इजरायल दौरे पर आ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का स्वागत बेनेट के बजाय लैपिड करेंगे। इजरायल का सियासी गणित बहुत रोचक है। बेनेट सरकार के पास विपक्ष से सिर्फ एक सीट ज्यादा थी। नेतन्याहू सत्ता में आने के लिए लगातार जोड़तोड़ में लगे हुए थे। वह गठबंधन में शामिल सांसदों को तोड़ने के लिए लगातार कोशिश कर रहे थे। इजरायल की अरब पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा थी लेकिन सरकार से नाराज चल रही थी। पार्टी का आरोप था कि फिलिस्तीनियों के इलाकों में यहूदियों को बसाया जा रहा है।

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