शेयर बाजार में निवेश करना जोखिमों के अधीन होता है। इसीलिए शेयर बाजार में निवेश करने से पहले जोखिमों के बारे में जरूर जानना चाहिए। चलिए आपको उन फैक्टर्स के बारे में बताते हैं जो इस सप्ताह शेयर बाजार पर असर डाल सकते हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। एक्सपर्ट्स के अनुसार, ग्लोबल फैक्टर्स और विदेशी संस्थागत निवेशकों की व्यापारिक गतिविधियों से इस सप्ताह घरेलू बाजार की धारणा प्रभावित होने की उम्मीद है। इसके साथ ही, मासिक डेरिवेटिव की समाप्ति के बीच इक्विटी बेंचमार्क में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि पिछले कई कारोबारी सत्रों से भारतीय बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। हालांकि, निफ्टी 3 फीसदी की अच्छी साप्ताहिक बढ़त के साथ बंद हुआ है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति और मंदी का मतलब है कि वैश्विक इक्विटी बाजारों के लिए स्टैगफ्लेशन एक प्रमुख चिंता है, “इसलिए, हम एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) द्वारा निरंतर बिक्री देख रहे हैं। हालांकि, घरेलू निवेशकों के समर्थन के कारण भारतीय बाजार बेहतर स्थिति में हैं।”
उन्होंने कहा, “मई महीने की समाप्ति के कारण इस सप्ताह बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। वैश्विक मोर्चे पर FOMC (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) की बैठक की जानकारी 25 मई को जारी होगी, जो एक महत्वपूर्ण ट्रिगर होगा जबकि डॉलर इंडेक्स और कमोडिटी की कीमतों में बदलाव अन्य महत्वपूर्ण कारक होंगे।”
सैमको सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च के प्रमुख येशा शाह ने कहा कि पिछले हफ्ते देखी गई अस्थिरता प्रमुख आर्थिक डेटा रिलीज, मौजूदा कमाई के सीजन और मासिक समाप्ति के कारण जारी रह सकती है। येशा शाह ने कहा कि एफओएमसी की जानकारी, यूएस जीडीपी विकास दर पूर्वानुमान और प्रारंभिक बेरोजगार दावे वैश्विक बाजार धारणा को प्रभावित करेंगे।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा, “कुल मिलाकर हम उम्मीद करते हैं कि यह अस्थिरता इस सप्ताह भी जारी रहेगी और साथ ही उच्च मुद्रास्फीति और आक्रामक ब्याज दर वृद्धि जैसे कई मैक्रो हेडविंड भी होंगे। साथ ही एफआईआई की भारी बिकवाली जारी रही, जिससे बाजार पर कुल दबाव बढ़ गया।”
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते सेंसेक्स 1,532.77 अंक यानी 2.90 फीसदी चढ़ा था जबकि निफ्टी 484 अंक यानी 3.06 फीसदी उछला था।
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