तेहरान । भारत समेत दुनिया भर में महिलाओं को कई तरह के टैबू का सामना करना पड़ता है जिसमें से एक वर्जिनिटी भी है। भारत में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां लोग शादी से पहले लड़की की वर्जिनिटी टेस्ट करवाते हैं, जबकि पुरुषों के लिए ऐसा कोई पैमाना सेट नहीं किया गया है। हालांकि, समय के साथ ही यह चीजें कम हुई हैं लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाई हैं। अभी भी ईरान जैसे कई ऐसे देश हैं, जहां पर शादी से पहले लड़कियों का वर्जिनिटी टेस्ट कराना जरूरी माना जाता है और उसी के आधार पर यह तय किया जाता है कि उस लड़की से शादी करनी है या नहीं करनी। यही नहीं, ईरान में वर्जिनिटी टेस्ट के आधार पर दहेज भी तय होता है।
ईरान में रहने वाली हजारों महिलाओं और लड़कियों के लिए शादी से पहले वर्जिनिटी टेस्ट करना जरूरी होता है। यह टेस्ट बिना किसी मेडिकल बेसिस पर करवाया जाता है। जो महिलाएं इस टेस्ट में फेल हो जाती हैं, उन्हें हाइमन रिपेयर सर्जरी के लिए फोर्स किया जाता है। यहां ऐसे भी कई मामले सामने आए हैं, जहां वर्जिनिटी टेस्ट में फेल होने वाली महिलाओं को जान से मार दिया जाता है।वर्जिनटी टेस्ट का कोई मेडिकल आधार नहीं है, लेकिन ईरान में रहने वाले लोग लड़की पर इस टेस्ट को कराने के लिए दबाव बनाते हैं। वर्जिनिटी टेस्ट पर ईरान की महिलाओं का कहना है कि उन्हें यह कैरेक्टर सर्टिफिकेट बिल्कुल भी पसंद नहीं है, क्योंकि उन्हें इसके लिए अजीबोगरीब टेस्ट से गुजरना पड़ता है। वर्जिनिटी टेस्ट के लिए क्लिनिक गई एक महिला ने बताया कि उसे यहां आना बिल्कुल भी पसंद नहीं है, लेकिन परिवार के दबाव के कारण उसे यह करना पड़ा।
डॉक्टर ने कहा कई बार जब लड़के हमारे क्लिनिक में आते हैं तो मुझे ये सोचकर हैरानी होती है कि वे खुद इस पैमाने पर कितने खरे उतरते हैं? क्या उन्होंने सच में कुछ नहीं किया? वूमन राइट एक्टीविस्ट समानेह सवादी ने कहा कि इस तरह के टेस्ट महिलाओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देते हैं जिसकी कोई मेडिकल वैलिडिटी नहीं होती। इस टेस्ट के कारण महिलाओं की गरिमा को भी ठेस पहुंचती है। हम सभी जानते हैं कि इस तरह के टेस्ट हमारे समाज में धड़ल्ले से करवाए जा रहे हैं।
ईरान में लोग अपनी बेटियों और पत्नियों को मेडिकल सेंटर्स में ले जाकर उनका टेस्ट करवाते हैं। ईरान के कुछ हिस्सों में आज भी वर्जिनिटी से जुड़े इन रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है। इन रीति-रिवाजों के मुताबिक, शादी की रात जिसे सुहागरात भी कहा जाता है लड़की के बिस्तर में व्हाइट चादर बिछाई जाती है या रुमाल रखा जाता है और अगले दिन उस पर खून के निशान देखे जाते हैं।
इसके अलावा जो महिलाएं वर्जिनिटी टेस्ट में फेल हो जाती हैं, उन पर हाइमन रिपेयर सर्जरी करवाने का प्रेशर डाला जाता है। इसके लिए ईरान में काफी पैसे खर्च किए जाते हैं। ईरान स्थित स्त्री रोग विशेषज्ञ फरिमाह फाराहानी ने कहा दुर्भाग्य से, हाइमन रिपेयर सर्जरी ईरान में पैसे कमाने का सबसे बड़ा जरिया बन गया है। हाइमन रिपेयरिंग के दौरान महिलाओं के प्राइवेट पार्टी की ओपनिंग को सिल दिया जाता है और जब इंटरकोर्स होता है तो यह सिला हुआ हिस्सा खुल जाता है जिसके कारण थोड़ी ब्लीडिंग होती है।
ऐसे बहुत से लोग हैं जो महिलाओं से इसी तरह की उम्मीद करते हैं, लेकिन हाइमन रिपेयरिंग की जो प्रक्रिया यहां अपनाई जाती है, उसे मेडिकल साइंस में कोई मान्यता प्राप्त नहीं है। जेंडर रिसर्चर जायरा बघेर-शाद ने कहा कि जो महिलाएं वर्जिनिटी टेस्ट में फेल होती हैं, उन्हें कई तरह के बुरे नतीजों का सामना करना पड़ता है। जब किसी लड़की के वर्जिन नहीं होने या शादी से पहले गैर मर्द से शारीरिक संबंध बनाने का पता चलता है तो कई बार उसकी जान तक ले ली जाती है।
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