सहारनपुर: कार्यक्रम को लेकर जानकारी देती जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी का फाइल फोटोसहारनपुर में आज से यानी एक जुलाई से पोषण अभियान के अंतर्गत संभव अभियान का शुभारंभ होगा। यह अभियान 30 सितंबर तक चलेगा। पोषण ट्रैकर ऐप पर फीडिंग पर नजर रहेगी। कुपोषित बच्चों और एनीमिया की शिकार गर्भवती महिलाओं को इससे मुक्ति दिलाने का प्रयास किया जाएगा। अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उनका उपचार भी किया जाएगा, ताकि वह स्वस्थ हो सकें। शहरी क्षेत्र में 400 और देहात में 3410 आंगनबाड़ी केंद्र है।सोशल मीडिया के प्लेटफार्मों पर कार्यक्रम किया जाएगा शेयरसोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्मों में कुपोषण के विरुद्ध होने वाले कार्यक्रमों को ज्यादा से ज्यादा शेयर किया जाएगा। ऐसा इसलिए कि लोगों की इसमें भागीदारी बढ़े। स्वास्थ्य विभाग की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को संदर्भित अति कुपोषित-कुपोषित बच्चों की पहचान (वजन एवं लंबाई के आधार) पर स्वास्थ्य जांच की जाएगी। साथ ही आवश्यक उपचार दिया जाएगा।धात्री माताओं को किया जाएगा प्रोत्साहितधात्री माताओं को बच्चों के लिए स्तनपान को प्रोत्साहित किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिये आज से ही घर-घर सर्वे शुरू कराया जा रहा है। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ख्याल रखा जाएगा। कुपोषित, गर्भवती और धात्री महिलाओं को चिन्हित किया जाएगा। घर में अगर आंगन है तो वहीं पर नहीं तो छत पर तिरपाल आदि डालकर पोषण वाटिका लगाई जाएगी। नवजात के लिए जीवन में प्रथम हजार दिन महत्वपूर्ण होते हैं। साथ ही छह माह तक केवल स्तनपान तथा दो साल तक सतत स्तनपान जारी रखने से शिशु को उच्च गुणवत्ता वाली ऊर्जा एवं पोषण तत्व प्राप्त होते हैं।पोषण ट्रैकर ऐप की फीडिंग पर रहेगी नजरअभियान में पोषण ट्रैकर ऐप पर फीडिंग पर नजर रहेगी, फीडिंग सही की जा रही है या नहीं। आंगनवाड़ी केंद्रों को सितंबर माह तक आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र में परिवर्तित किया जाएगा। इसके अलावा फीडिंग के लिए जिनका प्रदर्शन कम रहा है, वह अधिक से अधिक फीडिंग कराए। स्वास्थ्य विभाग एवं आईसीडीएस विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर इस अभियान में सहयोग करेंगे।जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी ने सभी कर्मचारियों अधिकारियों से अनुरोध किया गया कि सभी लोग संभव अभियान की सफलता के लिए कार्य योजना बनाकर कार्य करें। कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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