मुंबई । भारत के तीसरे सबसे बड़े समूह अडानी ग्रुप ने एक और बड़ी डील की है। अडानी ग्रुप मध्य भारत में एस्सार पावर का ट्रांसमिशन बिजनस खरीदने पर सहमत हुआ है। अडानी ग्रुप 1913 करोड़ रुपये में इस डील पर सहमत हुआ है। इस सौदे से अडानी ग्रुप की मध्य भारत में उपस्थिति मजबूत होगी। जबकि यह डील एस्सार ग्रुप के पावर ट्रांसमिशन बिजनस से बाहर निकलने का प्रतीक होगी। एस्सार पावर लिमिटेड अपनी दो पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट में से एक अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड को बेचने पर सहमत हो गई है। यह बिक्री कंपनी की ऋण चुकाने की रणनीति का एक हिस्सा है। एस्सार ने पिछले तीन वर्षों में बैंकों और वित्तीय संस्थानों को 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक कर्ज चुकाया है।
एस्सार पावर ने कहा कि उसने अपने दो पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट में से एक को 1,913 करोड़ रुपये में बेचने के लिए अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड के साथ एक निश्चित समझौता किया है। एस्सार पावर की इकाई एस्सार पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड की तीन राज्यों में 465 किलोमीटर के पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट हैं। पिछले तीन वर्षों के दौरान एस्सार पावर ने अपने कर्ज को 30,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर से घटाकर 6,000 करोड़ रुपये कर दिया है। एस्सार पावर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी कुश एस ने कहा, ‘इस लेनदेन के साथ कंपनी अपने बही-खातों में कर्ज घटाने और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश करने के उद्देश्य के साथ अपने पावर सेक्शन को फिर से संतुलित कर रही है।’ एस्सार पावर की वर्तमान में भारत और कनाडा के चार पावर प्लांट्स में 2,070 मेगावॉट की बिजली उत्पादन क्षमता है। अडानी के लिए यह अधिग्रहण उसकी इनऑर्गेनिक ग्रोथ की रणनीति का हिस्सा है। इस अधिग्रहण ने अडानी ट्रांसमिशन के नेटवर्क को 19,468 सर्किट किलोमीटर तक बढ़ा दिया है। इसमें से 14,952 सीकेएम परिचालन में है, जबकि शेष 4,516 सीकेएम पर विभिन्न चरणों में काम चल रहा है।
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