शहडोल; आयुर्वेद चिकित्सालय में चल रहे निशुल्क योग शिविर के दसवें दिन आज काफी संख्या में लोग रहे। इस दौरान योग प्रशिक्षक शिवाकांत शुक्ल ने बताया कि हम योगाभ्यास को नित्य अपने जीवन का अभिन्न अंग बना लेते हैं, तो धीरे-धीरे यह हमारे जीवन को बदलने लगता है।शिवाकांत शुक्ला ने बताया कि आप सभी लोग कुछ दिनों से अनुभव कर रहे होंगे, पहले दिन जब आप सुबह 6 बजे यहां योगाभ्यास के लिए आए थे, तो हो सकता है कि आपको थोड़ा असहज लगा हो। अब धीरे-धीरे नित्य यह अभ्यास हमें सहज लगने लगा। पहले जहां हम देर से उठते थे, तो हमारा पूरा दिन अस्त-व्यस्त हो जाता था। हम न तो समय से अपने काम पर पहुंच पाते थे, न ही वहां का कार्य पूर्ण हो पाता था, जिससे एक तनाव की स्थिति बनी रहती थी। जो घर पर ही रहते हैं, वो भी अपने दैनिक कार्य समय से पूर्ण नहीं कर पाते थे, लेकिन अब आप यहां प्रातः उठकर 6 बजे तैयार होकर योग करने पहुंचते हैं। आपका दिनचर्या सुधर गया, जीवन अनुशासित होने लगा, जिससे अपने आप आपका अनावश्यक तनाव कम होगा। आपका स्वास्थ्य अच्छा रहने लगेगा, जिससे आपकी कार्यशैली व कार्यक्षमता में सकारात्मक परिणाम दिखाई देंगे। यह छोटा सा बदलाव आपका सम्पूर्ण जीवन बदल देगा।योग से आएगा नई ऊर्जा का संचारयोग अभ्यास करने के बाद आपमें नई ऊर्जा का संचार होने लगता है, आपके स्वभाव में लचीलापन आता है, जिससे घर परिवार व समाज मे आपके संबंध मधुर होने लगते हैं। आपका सामाजिक दायरा बढ़ जाता है। योग आपके व्यक्तित्व को निखारकर एक अच्छे इंसान के रूप में बदलता है, इसलिए सभी इस योग रूपी परम प्रभावशाली विद्या को अपनाएं और अपने जीवन को दिव्य बनाएं।भारत में योग विद्या अभ्यास निशुल्क उपलब्धयह बड़े सौभाग्य की बात है कि भारत सरकार और आयुष मंत्रालय के सौजन्य से हम इस प्राचीन सिद्ध ईश्वरीय योग विद्या का अभ्यास निशुल्क कर पा रहे हैं। विदेशों में इसके लिए बहुत ज्यादा शुल्क लिए जाते हैं। शुक्ल ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में योग के अद्भुत चमत्कारिक लाभ प्राप्त किए हैं, इसलिए वह योग को जन-जन तक पहुंचाने में पूर्ण समर्पित हैं।
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