वाराणसी: नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र तोमर ने सब्जी अनुसंधान के रिसर्च और प्रोडक्शन कार्यों की समीक्षा की गई।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के 8 साल पूरा होने पर सभी मंत्रालयों की प्रोग्रेस रिपोर्ट जारी की जा रही है। इसी क्रम में वाराणसी के IIVR यानी कि भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान द्वारा किए जा कामों की नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में समीक्षा हुई।केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र तोमर को सब्जी अनुसंधान के निदेशक प्रो. टीके बेहरा ने रिपोर्ट से अवगत कराया। प्रो. बेहेरा ने कहा कि किसानों की पारिवारिक आय 8 साल में दो गुनी हो गई है। रिपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री ने संतुष्टि जाहिर की। समीक्षा के दौरान निदेशक प्रो. बेहरा ने बताया कि 8 साल में संस्थान द्वारा विकसित सब्जियों की 46 उन्नति किस्में को भारत सरकार द्वारा नोटिफाई या मान्यता दी गई।संस्थान में सब्जी उत्पादन की 66 तकनीकी तैयार की गई है। फसलों को कीटों से बचाने के लिए इंटीग्रेटेड कीट और रोग प्रबंधन के तहत कुल 47 तकनीक विकसित की गई है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के 8 साल पूरा होने पर सभी मंत्रालयों की प्रोग्रेस रिपोर्ट जारी की जा रही है। इसी क्रम में आज वाराणसी के IIVR यानी कि भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान द्वारा किए जा कामों की नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में समीक्षा हुई।संस्थान में विकसित तकनीकों के प्रचार प्रसार के लिए 3462 बार इवेंट्स और 7841 किसानों-उत्पादकों को ट्रेनिंग भी दी गई। इसके बाद किसानों की औसत पारिवारिक आय 2013-14 के 61 हजार रुपए के मुकाबले 2021-22 में बढ़कर 1 लाख 28 हजार रुपए तक पहुंच गई। संस्थान द्वारा किसान मेला, प्रक्षेत्र दिवस और एजुकेशनल विजिट के काम किए गए। अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में टेक्नालॉजी ट्रांसफर करके प्राथमिकताएं सेट की गईं। इसके बाद अनुसूचित जनजाति के किसानों की आमदनी में 3 गुना की बढ़ोत्तरी हुई। सब्जी अनुसंधान संस्थान में तैयार तकनीकों ने भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में अपनी पहुंच बना ली है। इसका उसका सीधा लाभ वहां के किसानों को हो रहा है। लगभग 100 किसानों के सफलता कहानियों का कलेक्शन किया गया।ऑर्गेनिक और प्राकृतिक खेती पर दें ट्रेनिंगइस रिपोर्ट पर मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि संस्थान द्वारा विकसित तकनीक जागरूकता अभियान चलाया जाए। ऑर्गेनिक और प्राकृतिक खेती से संबंधित ट्रेनिंग देकर किसानों को स्किल्ड किया जाए। इससे उन्हें बाजार में लाभ मिले। साथ ही उनके प्रोडक्ट की क्वालिटी और मार्केट वैल्यू मेंटेन रहे। उन्होने मशरूम उत्पादन, इन्वेस्टमेंट और मार्केटिंग के लिए सेल्फ हेल्फ ग्रुप और FPO से मदद लेने की बात कही। सरकारी योजनाओं को उन्हें लाभ दिया जाए। नई तकनीक से किसानों तक नए किस्मों के बीज का प्रचार-प्रसार करें। मार्केटिंग के लिए राष्ट्रीय बीज निगम और कृषि विज्ञान केंद्रों को मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से व्यापक प्रचार और प्रसार करें।विकसित करें बायो फोर्टीफाइड प्रजातियांइस समीक्षा बैठक में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के महानिदेशक और कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के सचिव डाॅ. टी. महापात्रा, बागवानी विभाग के उपमहानिदेशक डाॅ. आनंद कुमार सिंह भी मौजूद रहे। डाॅ. महापात्रा ने सब्जियों में बायो फोर्टीफाइड प्रजातियों को विकसित करने पर विशेष बल दिया। इससे बच्चों और महिलाओं में पोषण सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। डाॅ. सिंह ने कहा कि बागवानी के क्षेत्र में रिकार्ड उत्पादन से अच्छी आमदनी होगी। तुड़ाई बाद मैनेजमेंट और मूल्य संवर्धन के लिए विशेष बल दिया।

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