क्या कांग्रेस की राह पर जाएगी भाजपा? जिस परिवार में पहले से दायित्व क्या उसे भी मिलेगा पार्षद का टिकट
कृष्णा राठौर
इंदौर में आगामी पार्षद चुनाव को लेकर घर बैठे नेता अब अपने वार्ड में समय बिताने लगे हैं जो नेता लगातार वार्ड में सक्रिय थे। उनके हक खाने की तैयारी कई दायित्व वान परिवार करने में लगे हैं। ऐसे में अंदरूनी कलह के चलते पार्टी को शहर में बड़ा नुकसान भुगतना पड़ सकता है। इंदौर पहुंचे मुख्यमंत्री पहले ही इस बात की दस्तक दे चुके हैं कि यदि विकास चाहिए तो महापौर भाजपा का ही बनना चाहिए। ओबीसी आरक्षण का मामला सुलझ जाने के बाद अब पार्षद टिकट में नेता घिरते नजर आ रहे हैं। सभी अपने आकाओं से टिकट की मांग करने में जुटे हैं। ऐसे में उन नेताओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है जिनके चहेते जिस जगह से टिकट की मांग कर रहे थे आरक्षण होने के बाद उनके सपनों पर पानी फिर चुका है। अब यह नेता दूसरे वार्ड में घुसपैठ करने की तैयारियां कर चुके हैं। इसके लिए अपने आकाओं के बल पर भोपाल तक भी दौड़ लगा रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री और भाजपा की नीव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही नेता पुत्रों को मैदान में उतारने को लेकर बड़ा बयान दे चुके हैं। इधर इंदौर पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बात के संकेत दे चुके हैं कि महापौर भाजपा काही इंदौर में बनना चाहिए। ऐसे में अब परेशानियों का सामना उन नेताओं को करना पड़ रहा है जो सालों से अपने वार्ड में टिकट की चाह रखते हुए मेहनत कर रहे हैं। इतना ही नहीं भाजपा से जिन परिवार में पदाधिकारी नियुक्त हुए हैं उन परिवारों से भी टिकट की मांग की जा रही है। कई परिवार ऐसे हैं जहां मां बेटे और बहू सभी टिकट की जुगत में लगे हुए हैं। टिकट की आपसी खींचतान के बीच इंदौर के भाजपाइयों में कानाफूसी है कि यदि नेता पुत्र ही नेता बनते रहेंगे तो आम कार्यकर्ताओं को मौका कब मिलेगा। ऐसे में देखना यह है कि क्या कांग्रेस की राह पर भाजपा जाएगी जिन घरों में पहले से पार्टी के दायित्व वान कार्यकर्ता मौजूद है क्या उसी परिवार के सदस्यों को टिकट दिए जाएंगे।

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