गाजियाबाद: यह दिल्ली के प्रगति मैदान कन्वेंशन सेंटर का मॉडल है। 2017 में इसका ठेका हुआ और करीब ढाई साल में निर्माण पूरा हुआ था।नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (NBCC) के पूर्व CGM डीके मित्तल के नोएडा आवास पर शुक्रवार रात CBI और इनकम टैक्स (IT) की रेड हुई। यह कार्रवाई पिछले करीब 16 घंटे से जारी है। अब तक एक करोड़ रुपए से ज्यादा कैश और लगभग इतनी ही कीमत के जेवरात मिल चुके हैं।हालांकि जांच एजेंसियों का ऑफिसियल बयान अभी नहीं आया है कि घर से क्या-क्या मिला है। आइये, जानते हैं कि यह कार्रवाई क्यों हुई…नोएडा में सेक्टर-19 स्थित NBCC के पूर्व सीजीएम के घर खड़ी इनकम टैक्स की टीम। नोट गिनने के लिए मशीनें मंगवानी पड़ीं।2150 करोड़ का था प्रगति मैदान में कन्वेंशन सेंटर निर्माण ठेकासाल-2017 में दिल्ली के प्रगति मैदान के IPTO कॉम्प्लेक्स में कन्वेंशन सेंटर निर्माण का ठेका NBCC ने शापूरजी पल्लूनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और शापूरजी पल्लूनजी कतर WLL को 2149.93 करोड़ रुपए में दिया था।मुंबई की कैपेसाइट स्ट्रक्चर्स, शापूरजी पल्लूनजी से इस ठेके को सब-कॉन्ट्रेक्ट में पाना चाहती थी। इसके लिए कैपेसाइट कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय कुलकर्णी ने गाजियाबाद के इंदिरापुरम में रहने वाले एक प्राइवेट पर्सन ऋषभ अग्रवाल से संपर्क किया।ऋषभ अग्रवाल के एक खुफिया अधिकारी प्रदीप मिश्रा से अच्छे ताल्लुकात थे, जो उस वक्त केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर चल रहे थे।इनकम टैक्स के मुताबिक, (NBCC) के पूर्व CGM डीके मित्तल के घर से एक करोड़ से ज्यादा कैश मिला है।खुफिया अधिकारी ने कराई थी कॉन्ट्रेक्ट कंपनी और NBCC की मीटिंगबिचौलिए ऋषभ ने प्रदीप मिश्रा के जरिये NBCC में पैंठ बनाई और सब कॉन्ट्रेक्ट के लिए मुंबई की कैपेसाइट कंपनी को राजी कर लिया। 15 दिसंबर 2022 को इस बारे में मीटिंग हुई। NBCC के तत्कालीन CMD अनूप कुमार मित्तल ने स्पष्ट कह दिया कि पूरा काम या तो संजय कुलकर्णी को मिलेगा, वरना किसी को नहीं मिलेगा।सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 2150 करोड़ रुपए का ठेका दिलाने के बदले खुफिया विभाग के अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्रा ने एक बुलेट मोटरसाइकिल मांगी थी। CBI ने अपनी FIR में भी बुलेट बाइक वाली बात स्वीकारी है। प्रदीप मिश्रा का काम सिर्फ NBCC और कैपेसाइट कंपनी के अधिकारियों के बीच इस सब-कॉन्ट्रेक्ट को लेकर आपस में मीटिंग कराना था। इस मीटिंग में दोनों के बीच किस प्रकार से ठेके पर सहमति बनी, यह मसला अलग था।डीके मित्तल के घर से नोट और जेवरातों को ले जाने के लिए बॉक्स मंगाए गए थे। उनमें भरकर इनकम टैक्स की टीम ले गई है।चार आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार22 दिसंबर 2017 को शिकायत मिलने पर CBI नई दिल्ली ने NBCC के तत्कालीन CMD अनूप कुमार मित्तल, खुफिया अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्रा पर भ्रष्टाचार का एक केस दर्ज किया था। इसके अलावा गाजियाबाद के बिचौलिए ऋषभ अग्रवाल, कैपेसाइट कंपनी मुंबई के MD संजय कुलकर्णी, प्राइवेट पर्सन आकाशदीप के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का एक केस दर्ज किया था। इस मामले में चार आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई थी।भ्रष्टाचार की जांच करने गई थी CBI, मिल गए कैश-जेवरसूत्रों ने बताया, इस केस की CBI जांच में NBCC के पूर्व CGM डीके मित्तल का भी नाम सामने आया। कुछ दिन पहले ही रिटायर हुए डीके मित्तल फिलहाल नोएडा के सेक्टर-19 में रह रहे हैं। इसी आधार पर CBI की एक टीम ने शुक्रवार रात डीके मित्तल के आवास पर छापा मारा। जब यहां से सीबीआई को भारी मात्रा में कैश-ज्वेलरी मिले। उसके बाद सीबीआई ने इनकम टैक्स को सूचित किया।इसके बाद ही इनकम टैक्स विभाग की टीम वहां पहुंची और अपनी कार्रवाई शुरू की। सूत्रों ने बताया कि छापेमारी की कार्रवाई के दौरान सीबीआई और इनकम टैक्स को डीके मित्तल के कुछ लॉकर की जानकारी भी मिली है। इन लॉकरों को भी खोला जा सकता है। फिलहाल नोएडा में शुक्रवार रात से यह कार्रवाई जारी है।नोएडा में पूर्व CGM के घर CBI की रेड:अब तक एक करोड़ कैश जब्त, 1 करोड़ 46 लाख रुपए की ज्वेलरी मिली
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