आजादी का अमृत महोत्सव के तहत इवेन्ट इण्डिया एवं जवाहर कला केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान, कला एवं संस्कृति और पर्यटन विभाग के सहयोग से आयोजित 4 दिवसीय जयपुर गजल फेस्टिवल का शुक्रवार को दूसरा दिन था। फेस्टिवल का आयोजन जेकेके में 12 जून तक होगा। कलाकारों का स्वागत इवेन्ट इण्डिया के डायरेक्टर भूपेन्द्र सिंह राणा; पंकज ओझा, संयुक्त शासन सचिव, कला एवं संस्कृति विभाग एवं डॉ. अनुराधा गोगिया, अतिरिक्त महानिदेशक जवाहर कला केन्द्र द्वारा स्वागत किया गया।जयपुर गजल फेस्टिवल के दूसरे दिन महफिल की शुरुआत कलाकार राजूदास की गजलों से हुई, जिसमें उन्होंने ‘हंगामा है क्यूं बरपा’, ‘दिल में एक लहर सी उठी है अभी’, ‘हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह, कुछ यादगार शहर रे सितमगर आदि गजलें प्रस्तुत कर श्रोताओं को मन जीत लिया। इसके बाद कलाकार डॉ. सुनील राही ने ‘मरीजे इश्क का क्या ही जिया जिया ना जिया, काश ऐसा कोई मंजर होता, ‘बीती बातें दोहराने की आदत सी हो गई है’ और ‘प्यार देकर ना मिले प्यार जरूरी तो नहीं’ जैसी गजलों की बहतरीन परफॉर्मेंस दी। वहीं प्रदीप पंडित ने ‘गमें जाना जिसे हासिल नहीं है’, ‘जरा जरा सी बात का शुमार है’, ‘धड़कनों में किसी दस्तक की तरह’, ‘कैसे कहूं मुलाकात नहीं होती’, ‘आपका अहतराब कौन करे’ जैसी गजलों से खूब तालियां बटोरीं। इसके साथ ही उभरते हुए कलाकार कुलदीप सिंह राव, सैफ नईम अली, सांवरमल कथक ने अपनी भरपूर गजल गायकी से सभी का मन जीत लिया।कल जयपुर गज़ल फेस्टिवल के तीसरे दिन जेकेके के रंगायन में कलाकार दिनेश खींची, बन्दु खां, डॉ. वर्षा तनु परफॉर्मेंस देंगे। इसके बाद शाम 7.30 बजे जेकेके के मध्यवर्ती में चन्दनदास शानदार परफॉर्मेंस होगी।
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