गूगल में बाईस लाख का पैकेज छोड़ भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी बने जींद के हिमांशु जैन
प्रशासनिक सेवा में जींद के हिमांशु जैन ने चवालीसवाँ स्थान हासिल किया है।
इस उपलब्धि पर परिवार में ख़ुशी का माहौल है।
इस ख़ुशी में हिमांशु ने तू चीज बड़ी है मस्त मस्त की धुन पर परिवार।
प्रशासनिक सेवा में जींद के हिमांशु जैन ने चवालीसवाँ स्थान हासिल किया है।
इस उपलब्धि पर परिवार में ख़ुशी का माहौल है।
इस ख़ुशी में हिमांशु ने तू चीज बड़ी है मस्त मस्त की धुन पर परिवार के साथ खूब ठुमके लगाए।
हिमांशु के पिता एक व्यवसाई हैं, बहादुरगढ़ में उनकी जूतों की फैक्ट्री है।
स्कूल में जिला-अधिकारी को देख तय किया लक्ष्य
हिमांशु ने जींद के डी ए वी स्कूल से हाई स्कूल शिक्षा प्राप्त की।
उसके बाद आई आई टी हैदराबाद से एमटेक की।
घरवाले बताते हैं की एक दिन उनके स्कूल में जिला-अधिकारी निरीक्षण पर आए।
जिला-अधिकारी को आता देख हिमांशु ने क्लास टीचर से पूछा था ये डी.सी. कैसे बनते हैं।
बस उसी दिन से हिमांशु ने जिला-अधिकारी बनने की ठान ली थी और आज कर भी दिखाया।
बाईस लाख लाख का पैकज छोड़ कर बना जिला-अधिकारी
हैदराबाद में ही हिमांशु को गूगल में बाईस लाख लाख के पैकज का ऑफर मिला, लेकिन भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी बनने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और यू.पी.एस.सी. परीक्षा की तैयारी में जुट गए।
हिमांशु का भारतीय रिज़र्व बैंक में भी सिलेक्शन हुआ था पर वह भी उन्होंने ज्वाइन नहीं की।
हिमांशु जैन का कहना है कि लक्ष्य बनाओ और तब तक हार न मानो जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।
हिमांशु जैन की चाची ने उनके अंदर भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी बनने के लक्ष्य को मजबूत किया जिसका नतीजा है कि उन्होंने यह परिक्षा पास कर ली।
हिमांशु जैन के अनुसार भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी बनने का केवल यही लक्ष्य है कि समाज के युवाओं को कोई नई दिशा दे सकें।
आर्य समाजी और संघी विचारधारा के स्कुल में शिक्षा प्राप्त हिमांशु जैन को 31 मार्च 2022 को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का अपर सचिव नियुक्त किया गया।
बिलकुल नए प्रशासनिक अधिकारी होने के कारण उनके लिए पंजाब जैसे चुनौती पूर्ण राज्य का कार्यभार किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं।
आने वाला समय ही बताएगा की हिमांशु जैन अपने कार्य से पंजाब की देशभक्त जनता के हितों की रक्षा कैसे कर पाते हैं।

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