मुंबई । गौतम अदाणी ने कहा कि आज विश्व एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। जलवायु परिवर्तन, कोविड महामारी, वैश्विक आपूर्ति शृंखला में व्यवधान, रूस-यूक्रेन युद्ध और मुद्रास्फीति के कारण दुनियाभर में काफी घबराहट और अनिश्चितता का परिवेश बन गया है। इस संदर्भ में डब्ल्यूईएफ में विविध विचारों को सुनकर अच्छा लगा। हालांकि इस बात का भी मलाल रहा कि चीन, जापान और कोरिया जैसे देशों से उपस्थिति बहुत कम थी, लिहाजा हम उनके बारे में कम ही जान सके। वैसे यह विडंबना ही है कि विकसित राष्ट्र जो लक्ष्य निर्धारित कर रहे थे और शेष विश्व को जलवायु परिवर्तन के बारे में कठोर व्याख्यान दे रहे थे, अब वे स्वयं ही इस बारे में चिंतित दिख रहे हैं, क्योंकि उनकी अपनी ऊर्जा सुरक्षा खतरे में है। हालांकि दावोस में जिन प्रतिनिधियों से मिलने का अवसर मिला, उनमें से अधिकांश र्की चिंता का विषय जलवायु परिवर्तन न होकर रक्षा से संबंधित था। दरअसल रूस और यूक्रेन में युद्ध के कारण अनेक देश रक्षा कारणों से चिंतित हैं। देखा जाए तो अंतरराष्ट्रीय गठबंधन और समझौते परिवर्तनशील हैं, जो स्वार्थ की नींव पर बने हैं। वास्तव में धरती पर सबसे अधिक आर्थिक रूप से विकसित राष्ट्र एक ऐसी दुनिया का विकल्प खोजने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं, जिसके निर्माण के लिए वे स्वयं जिम्मेदार हैं। अपनी विनिर्माण जरूरतों को पूरा करने के लिए कुछ देश दूसरों पर अत्यधिक निर्भर हो गए हैं। इसमें उनकी ऊर्जा जरूरतें भी शामिल हैं।
मैं यह जानने-समझने के लिए दावोस गया था कि विश्व के नेताओं ने इस वर्तमान समय को कैसे देखा, और वे एक वैश्विक एजेंडा को कैसे परिभाषित कर सकते हैं। जलवायु परिवर्तन से निपटने के किसी भी प्रयास के लिए समानता एक महत्वपूर्ण पहलू है। ऐसे में हम सभी को आपस में सहयोग करना ही चाहिए। वैश्विक परिस्थितियों की प्रतिक्रिया के रूप में मुझे यह विश्वास है कि हमारे प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत योजना वास्तव में हम सभी के लिए एक बड़ी प्रेरणा है। भारत को सभी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता है। यह स्पष्ट है कि इस अनिश्चित समय में आत्मनिर्भरता का कोई विकल्प नहीं है। हमारे लिए अच्छी बात यह है कि आत्मनिर्भरता की ओर हम निरंतर अग्रसर हैं। विश्व में घटित उथल-पुथल की तमाम घटनाओं के बीच विश्व आर्थिक मंच पर भारत की बहुत बड़ी उपस्थिति आश्वस्त करने वाली थी। इसने दिखाया है कि भारत अब वैश्विक क्षेत्र में खुद को मुखर करने से नहीं कतराता है। यह हमारे बढ़ते आत्मविश्वास का संकेत है।
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