लखनऊ: जल भराव से निपटने के लिए बैठक करते डीएमलखनऊ में जल निकासी के लिए 1553 नाले चोक हुए तो शहर डूब जाएगा। गुरुवार को हुई पहली बारिश के साथ ही प्रशासन का ध्यान इन नालों की तरफ गया। गुरुवार को डीएम ने इनकी सफाई के लिए एक्शन प्लान तैयार किया।जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने गुरुवार को सिंचाई विभाग, जल संस्थान, नगर निगम, चिकित्सा, पशु चिकित्सा, पुलिस, एनडीआरएफ सहित कई विभागों के साथ बैठक की। इसमे जिले में बाढ़ और जलभराव ने निपटने की तैयारियों पर चर्चा हुई। डीएम ने सिंचाई विभाग से नालों का ब्यौरा मांगा। विभाग की तरफ से बताया गया कि 1553 नालों से जल निकासी होती है। इसमे 88 नाले 3 मीटर से चौड़े हैं। इनकी लम्बाई 64 किमी है। 536 नाले 3 मीटर से कम चौड़े और 929 छोटे नाले है। डीएम ने कहा कि इनके सफाई की ड्रोन से वीडियोग्राफी करवाई जाए।डीएम के एक्शन प्लान के पॉइंट्सगोमती नदी और कुकरेल नाला के दोनों ओर 44 बैरल के फाटकों की ओवर हालिंग। सभी पम्पिंग प्लांट्स की टेस्टिंग व अनलोड चेकिंग।अपर जिलाधिकारी वित्त और राजस्व टीम बना कर अगले 7 दिन सभी नालो के सफाई की मॉनिटरिंग करें। सफाई की वीडियो और फोटो दें।नगर निगम व सिचाई विभाग पम्पिंग सेट की सूची तैयार करे। जल निकासी के लिए पम्पिंग सेट की संख्या कम है तो किराये पर व्यवस्था करें।जलकल विभाग टैंकरों की उपलब्धता सुनिश्चित करे। किसी भी आपात स्थिति में प्रभावित लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाए।बाढ़ग्रस्त गांवों के आसपास सुरक्षित स्थान की सूची तैयार रहे। पशुओ के लिए भी सुरक्षित स्थानों की सूची बनाकर उपलब्ध कराई जाए। बाढ़ की स्थिति बनती है तो पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जाए। इनके लिए भूसे और चारे की व्यवस्था पर्याप्त रहे।राजस्व टीम ज़िला स्तरीय आपदा राहत योजना की तर्ज पर तैयारी रखे। शनिवार शाम तक सभी तहसीले, ब्लाक, विभाग आपदा राहत योजना बनाकर दें।
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