अग्निपथ योजना के खिलाफ एडीसी मेजर (से.) अमित सरीन को ज्ञापन सौंपते किसान नेता।सेना में भर्ती के लिए बनाई गई अग्निपथ योजना के खिलाफ जवानों के बाद किसानों ने भी मोर्चा खोल दिया है। जालंधर में आज किसानों ने एकत्रित होकर अग्निपथ योजना के खिलाफ डीसी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान जहां किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला भी फूंका। किसानों के साथ-साथ इस प्रदर्शन में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया।डीसी ऑफिस के बाहर पीएम मोदी का पुतला जलाकर नारेबाजी करते किसानकिसानों का कहना है कि बच्चों के भविष्य से केंद्र सरकार को खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी ने सब कुछ अदानी-अंबानी को बेच दिया है, वैसे ही अब सेना को भी ठेके पर दे देना चाहते हैं। महिला किसान मोर्चा व संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि सेना में चार साल की नौकरी ठेके पर है। चार साल बाद बच्चों का भविष्य खत्म हो जाएगा।उन्होंने कहा कि देश का प्रधानमंत्री सीमाओं की रक्षा करने वाली सेना का निजीकरण करके सुरक्षा के साथ-साथ नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। किसान नेताओं ने एक ज्ञापन डीसी के माध्यम से केंद्र सरकार और राष्ट्रपति को भी भेजा है। जिसमें उन्होंने मांग की है कि सेना में पुराने तरीके से ही भर्ती को जारी रखा जाए। न जवानों और न किसानों को अग्निपथ योजना मंजूर है।किसानों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अपना फैसला वापस न लिया तो उन्हें किसान आंदोलन की तर्ज पर युवाओं के लिए भी आंदोलन शुरू करते हुए विरोध के लिए सड़कों पर उतरना पड़ सकता है।

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