प्रयागराज: बाहुबली मुख्तार अंसारी को जेल में बाहर का खाना दिए जाने पर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को आपत्ति है। इसके खिलाफ प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की रखी है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने पूछा है कि उसके द्वारा दाखिल याचिका पोषणीय (Sustainable) है या नहीं।सरकार ने कहा-याचिका पोषणीय है इसलिए दाखिल की गईयह आदेश जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने सरकार की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने सरकार से इस पर जवाब देने के लिए 3 दिन का समय दिया है। अब मामले की सुनवाई नौ जून को होगी।सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी की ओर से सरकार की दाखिल याचिका की पोषणीयता पर सवाल उठाए गए। कहा गया कि मुख्तार को जेल में बाहर का खाना जेल मैनुअल के तहत दिया जा रहा है। इसलिए सरकार की याचिका पोषणीय ही नहीं है। इस पर कोर्ट ने सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने याचिका की पोषणीयता पर बल दिया। कहा कि याचिका पोषणीय है, इसीलिए दाखिल की गई।कोर्ट ने राज्य सरकार को 3 दिन का समय दियाइस पर कोर्ट ने उनको तीन दिन का समय देते हुए इसकी पोषणीयता पर जवाब दाखिल करने को कहा। कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए 9 जून की तिथि तारीख लगाई है। गाजीपुर की स्थानीय कोर्ट ने मुख्तार को जेल में बाहर का खाना उपलब्ध कराने की मंजूरी दी है। इसी आदेश का यूपी सरकार विरोध कर रही है। मुख्तार अंसारी ने जिला कोर्ट में खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर बाहर का खाना दिए जाने की इजाजत मांगी थी। मुख्तार इस समय बांदा जेल में बंद है। उस पर कई केस दर्ज हैं। योगी सरकार के पहले कार्यकाल से भी पहले से वह जेल के अंदर है। लेकिन यूपी में सीएम योगी की दोबारा सत्ता आते ही मुख्तार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। योगी सरकार के निशाने पर मुख्तार के खास सहयोगी और गुर्गे भी हैं। एक ओर जहां मुख्तार की करोड़ों की संपत्ति पर लगातार कार्रवाई हो रही है तो दूसरी ओर उनके गुर्गों की भी प्रॉपर्टी पर प्रशासन लगातार बुलडोजर चला रहा है।
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