ज्ञानवापी मस्जिद मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज को ट्रांसफर किया केस, 8 हफ्ते में सुनवाई पूरी करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने विवादित ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर‘श्रृंगार गौरी’की पूजा की अनुमति संबंधी याचिकाओं को वाराणसी के सिविल न्यायालय (सीनियर डिवीजन) से जिला न्यायाधीश के पास शुक्रवार को स्थानांतरित करने का आदेश दिया। अदालत ने स्थानांतरण आदेश के साथ-साथ इस मामले में प्राथमिकता के आधार पर फैसला लेने को कहा है।
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिकाओं को स्थानांतरित करने के साथ-साथ विवादित स्थल की सुरक्षा संबंधी अपने पूर्व के अंतरिम आदेश को बरकरार रखने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने विवादित स्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ-साथ नमाज पढ़ने वालों के लिए समुचित इंतजाम करने का जिला अधिकारी को निर्देश दिया। अदालत ने संबंधित पक्षों से विचार विमर्श कर नमाजियों के लिए व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
पीठ ने गत मंगलवार को जारी अपने अंतरिम आदेश में वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में उस क्षेत्र की रक्षा करने का राज्य सरकार को निर्देश दिया था, जहां हिंदू पक्ष के अनुसार एक‘शिवलिंग’पाया गया था। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि किसी भी मुसलमान को ज्ञानवापी मस्जिद में‘नमाज’अता करने से न तो रोका जाएगा और न ही कोई बाधा उत्पन्न की जाएगी।
मस्जिद पक्ष के वकील एच. अहमदी ने निचली अदालत में पेश की गई सर्वेक्षण रिपोटर् के सार्वजनिक होने पर आपत्ति जताई। उन्होंने सर्वे के बाद इलाके को सील करने के कारण नमाज पढ़ने में आ रही मुश्किलों का जिक्र करते हुए मस्जिद में 500 वर्षों से चली आ रही स्थिति बरकरार रखने का अनुरोध सर्वोच्च अदालत से किया। अदालत ने उनकी दलीलें सुनने के बाद जिला अधिकारी को आदेश दिया संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श के बाद नमाज करने वालों के लिए समुचित व्यवस्था करें।
याचिकाकर्ता राखी सिंह के नेतृत्व में पांच महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर पूजा करने की अनुमति के लिए निचली अदालत में याचिका दायर की थी। इन महिलाओं ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी मंदिर होने की मान्यता का हवाला देते हुए वहां पूजा की अनुमति के लिए अदालत से गुहार लगाई थी। शीर्ष अदालत इस मामले पर अगली सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद करेगी।
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