पहले के समय में एसी भले ही लोगों के लिए स्टेटस सिंबल रहा हो लेकिन आज लोग उसे अपनी जरूरत समझते हैं। एसी की ठंडी हवा भले ही आपको चिलचिलाती धूप से राहत दिला सकती है, पर क्या आप जानते हैं उसका आपकी सेहत पर क्या बुरा असर पड़ता है।
जोड़ों में दर्द की समस्या – लंबे समय तक कम तापमान में बैठे रहने से जोड़ों में अकड़न बढ़ जाती है।
झुर्रियां – एसी वातावरण को ठंडा करने के साथ उस जगह का मॉइस्चर भी सोख लेता है, लंबे समय तक एसी में रहने के कारण ये त्वचा की नमी के साथ शरीर में भी पानी की कमी होने लगती है। इससे त्वचा पर झुर्रियां दिखने लगती हैं।
आंखें और त्वचा का शुष्क होना – जो लोग दफ्तर में घंटों कम्प्यूटर के सामने बैठकर काम करते हैं, उन्हें आंखों में खुजली या सूखेपन की शिकायत रहती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऑफिस में लगे एसी ठंडी हवा तो देते हैं लेकिन वातावरण से नमी खत्म कर देते हैं। नमी रहित यह हवा हमें गर्मी और उमस से तो राहत दिलाती है, लेकिन आंखों में मौजूद आवश्यक नमी को खत्म कर देती है। इसी तरह एसी की हवा में पानी कम पिया जाता है, जिससे त्वचा में रूखापन बढ़ जाता है।
ब्लडप्रेशर – लंबे समय तक एसी की ठंडी हवा में बैठने से हमारे शरीर का तापमान कृत्रिम तरीके से काफी लो हो जाता है। जिसकी वजह से शरीर की कोशिकाएं संकुचित होने लगती हैं और रक्त संचार प्रभावित होने लगता है। जो बाद में सिरदर्द, चक्कर, उल्टी आना और लो ब्लड प्रेशर का कारण बनता है।
सर्द-गर्म के नुकसान – एसी के ठंडे तापमान से एकदम निकल कर जब हम सामान्य तापमान में जाते हैं तो शरीर इतनी जल्दी ऊपर-नीचे होते तापमान के साथ तालमेल नहीं बिठा पाता। जिसकी वजह से व्यक्ति को बुखार, चिड़चिड़ापन, थकान के साथ लू लगने का खतरा भी बढ़ जाता है।
सांस की समस्या – एसी की सफाई अगर लंबे समय तक न की जाए तो इसमें धूल-मिट्टी इकट्ठी होकर कमरे में फैलने लगती है। जो सांस संबंधी रोगों को बढ़ाने का काम कर सकती है।
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