केलेंडर पर भगवान की मूरत को सूरत देते आर्टिस्ट लियाकत अलीमशहूर केैलेंडर आर्टिस्ट लियाकत अली अब नहीं रहे। लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। वह मेरठ के करीमनगर में अपने परिवार के साथ रह रहे थे। बताया गया है की वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे।आर्टिस्ट के तौर पर थे विख्यातलियाकत अली सभी धर्मों, धार्मिक स्थलों के कैलेंडर तैयार करने में बड़ी पहचान रखते थे। घरों में कैलेंडर लगाने की पुरानी परंम्परा रही है। हिन्दू परिवार हो या कोई मुस्लिम परिवार। सभी लोगों के घरों पर दीवारों की शोभा या पूजा स्थल पर हम भगवान की मूरत लगाना नहीं भूलते। धार्मिक भावनाओं को चेहरा देने वाले मेरठ के लियाकत अली भी दुनिया छोड़ गए।50 साल से थे आर्टिस्टलियाकत अली द्वारा तैयार की गई देवी मां की कलाकृतिआमतौर पर हम जो भी भगवान का या कोई धार्मिक कैलेंडर देखते है उसमें नीचे रस्तौगी स्टूडियो लिखा होता है। इन सभी कलाकृतियों के जनक योगेन्द्र रस्तोगी और लियाकत अली थे। देश ही नहीं विदेशों में भी उन्होंने मेरठ का नाम रोशन किया। अपनी कला के माध्यम से जाने पहचाने जाते थे। हजारों कैलेंडर की मूल कलाकृति का निर्माण इन दोनों कलाकारों ने ही किया था। योगेन्द्र रस्तौगी जी का निधन 2015 में ही हो गया था।

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