नगर निगम के ट्यूबवेल हेल्पर ने आदमी भेजकर बिल्डर को डरा धमका, डेढ़ लाख नकद व 50 हजार का ले चुका था चेक
फरीदाबाद: आरोपी निगमकर्मी योगेश कुमार वर्ष 2014 में हुआ था रेगुलर।नगर निगम के तोड़फोड़ ब्रांच में कार्यरत कर्मचारी व अधिकारी अवैध निर्माण के नाम पर पूरे शहर में खूब वसूली कर रहे हैं। बुधवार की शाम गिरफ्तार किए गए ट्यूबवेल हेल्पर योगेश की गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद यह राज खुलने शुरू हुए हैं। मकान बनाने वालों से वसूली लाखों में की जा रही है। शिकायतकर्ता बिल्डर ने दर्ज कराई एफआईआर में इस बात का खुलासा किया है कि इसके पहले आरोपी हेल्पर योगेश कुमार अपने किसी बंदे काे भेजकर डेढ़ लाख रुपए की नकदी और 50 हजार रुपए का चेक ले जा चुका था। आरोपी बिल्डर से पांच लाख रुपए वसूलने का दबाव बनाया था। स्टेट विजिलेंस की टीम तोड़फोड़ ब्रांच के जेई, एसडीओ और अन्य बेलदारों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी में है।बता दें कि स्टेट विजिलेंस की टीम ने ट्यूबवेल हेल्पर योगेश कुमार को एक लाख रुपए कर रिश्वत लेते बुधवार की शाम नगर निगम मुख्यालय से गिरफ्तार किया था। उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा चुका है।स्टेट विजिलेंस कार्यालय सेक्टर 17बाहरी व्यक्ति रखकर करते हैं सौदाएनआईटी निवासी शिकायतकर्ता सुधीर वासुदेव ने दर्ज कराई एफआईआर में कहा है कि उनका एनआईटी दो जे ब्लॉक में निर्माण कार्य चल रहा था। वह अब पूरा होने वाला है। कुछ दिन पहले सैनिक कॉलोनी निवासी संजय नामक व्यक्ति आया था। उसने कहा कि मुझे जेई और एसडीओ ने भेजा है। इनके लेन देन का काम मैं देखता हूं। बिल्डिंग के हिसाब से रुपए देना होता है। आपको लेंटर के हिसाब से रुपए देने हैं। संजय नामक व्यक्ति ने डरा धमका कर 50 हजार का चेक और डेढ़ लाख रुपए नकद लेकर गया था। सुधीर का कहना है कि दो दिन पहले योगेश खुद हमारे पास आया था और वहां से जेई कपिल को फोन कर बात की। इसके बाद कहा कि पांच लाख देने होंगे। मना करने पर तीन लाख रुपए में सौदा तय किया था। विजिलेंस सूत्रों का कहना है कि तोड़फोड़ विभाग के जेई, एसडीओ व अन्य कर्मचारी भी रडार पर हैं। साक्ष्य मिलने पर इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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