पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने एक ज्ञापन में कहा है कि एक ही कर्मचारी/पेंशनभोगी के संबंध में दो अलग-अलग स्रोतों से पारिवारिक पेंशन की पात्रता के संबंध में स्पष्टीकरण की मांग के आवेदन मिले हैं. उदाहरण के लिए सैनिकों द्वारा सेना में दी गई सेवा और सेना से रिटायरमेंट के बाद सिविल सेवा या स्वायत्त निकाय और नागरिक सरकार विभागों में दी गई उनकी सेवा के संबंध में अलग अलग पेंशन मांगी जा रही है.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने पेशन के नियमों में संशोधन कर दिया है. पारिवारिक पेंशन के मामले में यह बदलाव किया गया है. पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने दो अलग-अलग स्रोतों से पारिवारिक पेंशन के अधिकार के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया है.
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने एक ज्ञापन में कहा है कि एक ही कर्मचारी/पेंशनभोगी के संबंध में दो अलग-अलग स्रोतों से पारिवारिक पेंशन की पात्रता के संबंध में स्पष्टीकरण की मांग के आवेदन मिले हैं. उदाहरण के लिए सैनिकों द्वारा सेना में दी गई सेवा और सेना से रिटायरमेंट के बाद सिविल सेवा या स्वायत्त निकाय और नागरिक सरकार विभागों में दी गई उनकी सेवा के संबंध में. विभाग ने 23 मई को यह स्पष्टीकरण जारी किया है.
पेंशन में ये हुए संशोधन
केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) अधिनियम, 1972 की जगह अब केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) अधिनियम, 2021 को लागू किया गया है. इसे 20 दिसंबर, 2021 को अधिसूचित किया गया है. इस कानून की धारा 50 पारिवारिक पेंशन से संबंधित है. इसमें दो अलग-अलग स्रोतों से पारिवारिक पेंशन पर किसी तरह की पाबंदी नहीं लगाई गई है. इसी को लेकर पेंशन विभाग ने स्पष्टीकरण जारी किया है. सरकार ने स्पष्ट किया है कि केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 में सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी के संबंध में परिवार के किसी सदस्य को दो अलग-अलग स्रोतों से पारिवारिक पेंशन देने पर कोई प्रतिबंध नहीं है.
हालांकि, दो अलग-अलग कर्मचारी/पेंशनभोगियों की मृत्यु के बाद परिवार के एक सदस्य को दो पारिवारिक पेंशन की पात्रता प्रतिबंधित रहेगी. इसका मतलब यह हुआ कि अगर पति-पत्नी दोनों पेंशनधारी हैं और उनमें से किसी एक की मृत्यु हो जाने पर दूसरे को जो आधे पेंशन का लाभ मिलता है वह पहले की तरह नहीं मिलेगा.
पहले हुआ था ये बदलावइससे पहले केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 में 27 दिसंबर, 2012 को संशोधन किया गया था. नियम 54 के उप नियम 13ए में सैन्य पेंशनभोगी को पारिवारिक पेंशन का अनुदान प्रतिबंधित किया गया था. यदि सैन्य पेंशनभोगी ने अपनी सैन्य सेवा के लिए पारिवारिक पेंशन का विकल्प चुना था तो उस पर यह पाबंदी लागू होती थी. इसी तरह, नियम 54 के उप-नियम 13-बी ने ऐसे व्यक्ति को दो पारिवारिक पेंशन देने पर रोक लगा दी गई थी जो पहले से पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर रहा था. भले ही वह केंद्र या राज्य सरकारों के किसी अन्य नियम के तहत पेंशन के लिए पात्र था.
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