बदायूं: घटनास्थल की जानकारी देता ग्रामीणबदायूं में गोवंश के मांस की तस्करी के लिए बदनाम सिकरोड़ी गांव में मंगलवार रात तस्करों ने गोवंश का वध कर डाला। गांव वालों की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस तीन घंटे बाद घटनास्थल तलाश सकी। जबकि इसके बाद रात का फायदा उठाते हुए अवशेष दबाने की कोशिश पुलिस ने कर डाली। इससे गांव वाले आक्रोशित हो गए। मामला तूल पकड़ते देख पुलिस ने आनन-फानन में अवशेषों की बरामदगी दिखाई। जबकि अब तस्करों की जल्द गिरफ्तारी का दावा किया जा रहा है।बिनावर थाना क्षेत्र का सिकरोड़ी गांव तस्करी के लिए बदनाम है। मंगलवार रात तस्कर गोवंश को ले आए और गांव के तालाब किनारे उसका वध कर दिया। ग्रामीणों को इसकी भनक लगी तो मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। इंस्पेक्टर खीमसिंह जलाल मौके पर पहुंचे और घटनास्थल तलाशना शुरू कर दिया।सिपाही करता रहा गुमराहथाने में तैनात एक सिपाही भी इंस्पेक्टर के साथ था। वह तीन घंटे तक पुलिस को गांव भर में भटकाता रहा। इसके बाद पुलिस को पता लगा कि घटनास्थल तालाब के किनारे पर है। वहां पुलिस पहुंची तो अवशेष मिल गए।गांव वालों में आक्रोशगांव वालों का आरोप है कि पुलिस टीम ने इन अवशेषों को मौके पर ही जमीन में दबाने की कोशिश की लेकिन विरोध के चलते ऐसा नहीं हो सका। गांव वालों के मुताबिक तस्करों को शहर के एक सफेदपोश का संरक्षण प्राप्त है। ऐसे में पुलिस चाहकर भी तस्करों पर कार्रवाई नहीं कर पाती।पहले भी हुए हैं तबादलेपिछली सरकार में भी इसी सफेदपोश का संरक्षण तस्करों को मिला हुआ था। नतीजतन एक तत्कालीन एसओ कुंवरगांव सुधाकर ने तस्करों पर शिकंजा कसा तो उनका तबादला गैर जिला किया गया। तत्कालीन एसओ बिनावर हरिभान सिंह ने भी तस्करी पर पाबंदी लगाई तो इस सफेदपोश ने तबादला कानपुर करा दिया था। नतीजतन तस्करों के हौंसले इस सफेदपोश के कारण बुलंद रहते हैं। इंस्पेक्टर खीम सिंह जलाल ने बताया कि घटना हुई है और जल्द ही तस्करों की गिरफ्तारी की जाएगी। कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।
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