कांकेर: पुलिस गिरफ्त में जालसाज ठग।छत्तीसगढ़ में कोंडागांव के एक शातिर ठग ने पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर लोगों से 50 लाख रुपए से ज्यादा की ठगी की। शातिर ठग खुद को IB अफसर बताता था और लोगों को सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देता था। खास बात यह है कि शातिर जिससे भी ठगी करता, उसी के माध्यम से उसके रिश्तेदार को भी फांसता था। यहां तक कि उसने थानेदार को भी नहीं छोड़ा। पुलिस ने करीब एक साल बाद उसे गिरफ्तार किया है।जानकारी के मुताबिक, कोंडागांव के फरसगांव निवासी आरोपी दीपेंद्र नाग ने कांकेर जिले में ही लोगों से 10 लाख रुपए की ठगी की है। इसके बाद बुधवार को पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया। FIR कराने वाली महिला सरोना निवासी वीणावाणी जैन ने बताया कि साल 2017-2018 मे दीपेंद्र नाग किसी परिचित के माध्यम से उसके घर पहुंचा था। वहां उसने खुद का सरनेम तिवारी और गरियाबंद का निवासी बताया था।महिला से पुलिस में नौकरी दिलाने के नाम पर 3 लाख ठगेदीपेंद्र ने महिला को झांसा दिया कि वह खुफिया विभाग में अधिकारी है और कांकेर में पदस्थ है। उसने 2012 में कई लोगों की नौकरी लगवाई है। उसने महिला व उसके पति को झांसा दिया और पुलिस विभाग में नौकरी लगवाने की बात कही। फिर महिला ने जनवरी 2018 में डेढ़ लाख रुपए लिए। । कुछ महीने बाद डेढ़ लाख और मांगे तो जून 2018 में महिला ने फिर दे दिए। इसके बाद भी नौकरी नहीं लगी। जब रुपए मांगे तो वह टाल-मटोल करने लगा।महिला के रिश्तेदारों को भी बनाया शिकारसरोना की वीणावाणी को ठगने के साथ ही फरसगांव निवासी उनकी बहन कविता पांडेय और देवरानी ममता जैन को भी खुफिया विभाग में चपरासी की नौकरी दिलाने के नाम पर डेढ़-डेढ़ लाख रुपए लिए। इसके अलावा एक परिचित चारामा निवासी सुमन सिन्हा को पुलिस में ASI बनाने की बात कहकर 6 लाख मांगे और पहली किश्त के 3 लाख रुपए ले लिए। करिहा चारामा के वेद नारायण से भी 2.5 लाख रुपए ठगी की।शिकार के नंबर से कॉल कर अन्य को फंसाताठग इतना शातिर था कि जिन लोगों से वह रकम लेता उनके रिश्तेदारों और पहचान वालों को भी इसकी जानकारी देने कहता था। फिर उनके ही फोन या मोबाइल से कॉल कर शिकार बनाता। वीणावाणी जैन के मोबाइल से कवर्धा के पंडरिया निवासी मीना पात्रे से ढाई लाख रुपए ठगे। मीना पात्रे ने रकम का दबाव बनाया तो आरोपी ने ब्लैंक चेक दे दिया। बाउंस हुआ तो मीना पात्रे ने साल भर पहले कांकेर थाने पहुंच शिकायत की।पुलिस ने धमकाया तो जेवर बेचकर दी रकमआरोप है कि SI ने ठग तक पहुंचने के बजाए सरोना निवासी वीणावाणी को थाने बुलाया और धमकाया। कहा कि उसके ही मोबाइल से मीना पात्रे को कॉल कर ठगी की गई है। इस पर वीणावाणी डर गईं और जेवर व अनाज बेच कवर्धा की मीना पात्रे को पैसे लौटाए। साथ ही मामला रफादफा करने पुलिस को भी भेंट देनी पड़ी।ASI से भी पांच लाख की ठगीरानीतरई निवासी ASI दयालुराम बंदे के बेटे केवल बंदे की नौकरी लगाने के नाम 5 लाख रुपए ठगी लिए। इसी तरह रानीतरई निवासी मिनेश चतुर्वेदी और कुंदन कुमार से भी पुलिस में नौकरी लगाने के नाम पांच पांच लाख की ठगी की। इसी मामले में शिकायत होने के बाद ठग साल भर से फरार चल रहा था। पिछले सप्ताह दुर्ग पुलिस ने उसे फरसगांव से गिरफ्तार किया है। अब कांकेर पुलिस उसे ज्यूडिशियल रिमांड पर लेकर आएगी।
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5660600cookie-checkप्रदेश भर में घूम-घूम कर देता था नौकरी का झांसा, जिसे ठगता उसी के रिश्तेदार को फंसाता
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