मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उस फैसले को रद्द कर दिया है जिसमें लड़की को बालिग माना गया था। कोर्ट ने कहा कि स्कूल और मैट्रिक के सर्टिफिकेट के हिसाब से लड़की की उम्र 18 साल से कम है। इसलिए उसके खिलाफ प्रेमी की हत्या का केस अब किशोर न्याय बोर्ड में चलेगा।
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