फ्लायओवर सिटी की राह पर इंदौर; शहर में 3 साल में 17 नए फ्लायओवर बनेंगे, 9 के टेंडर फाइनल, 8 की डीपीआर तैयार
इंदौर: 1000 करोड़ के अलग-अलग प्रोजेक्ट, 250 करोड़ के 5 फ्लायओवर तो बायपास पर ही बनेंगेशहर में रिंग रोड, बायपास और प्रमुख चौराहों पर अगले तीन साल में 15 फ्लायओवर और 2 रेलवे ओवर ब्रिज बनकर तैयार होंगे। इन 17 प्रोजेक्ट में से 10 प्रोजेक्ट दो साल में पूरे होंगे, वहीं 7 के लिए तीन साल का समय लगेगा। नेशनल हाईवे के पांच फ्लायओवर के लिए डीपीआर और डिजाइन का काम हो चुका, राशि भी मंजूर है। इस पर करीब 250 करोड़ रुपए खर्च होंगे।17 में से 9 के टेंडर हो चुके हैं और 8 के प्रोसेस में हैं। एमआर-10 पर बनने वाले फ्लायओवर से भोपाल, देवास, मक्सी या एबी रोड पर आने-जाने वालों को काफी राहत मिलेगी। एमआर-10 पर थ्री लेयर प्रदेश का पहला फ्लायओवर होगा। हालांकि इसमें दो तरह की समस्या है, नीचे नर्मदा की लाइन आ रही है, इसलिए थोड़ा अंडर ग्राउंड से ऊपर बनेगा। यहां जो अंडरब्रिज बनेगा, वहां अंदर पानी न घुसे, इसके लिए कैनोपी की तरह वाॅल बनेगी।ये रोड मैप 2025 की जरूरत का, 30% फ्लायओवर मध्य शहर में बनेंगे5 फ्लायओवर आईडीए बनाएगा शहरी क्षेत्र में इंदौर विकास प्राधिकरण चार फ्लायओवर बना रहा है। इनमें फूटी कोठी, भंवरकुआं, खजराना और लवकुश चौराहा शामिल है। पांचवां फ्लायओवर महू नाका पर बनना है, लेकिन यहां समस्या लालबाग वाली भुजा में है। यहां मास्टर प्लान की चौड़ाई कम है, इसलिए इसे बढ़ाना होगा। एक ओर बस्ती है तो दूसरी ओर लालबाग की जमीन। आईडीए चार फ्लायओवर पर करीब 300 करोड़ रुपए खर्च करेगा।5 फ्लायओवर केंद्र की मदद से तैयार होंगेकेंद्र से जिन फ्लायओवर की राशि मंजूर है, उनमें देवास नाका (निरंजनपुर चौराहा), मूसाखेड़ी, आईटी पार्क, सत्यसाईं चौराहा (एबी रोड) और मरीमाता चौराहा शामिल है। मरीमाता चौराहे पर महेश गार्ड लाइन की ओर दिक्कत है। यहां चौड़ाई कम है, ऐसे में सर्विस रोड बनाने में परेशानी आएगी। इसलिए यहां विस्तृत सर्वे होना बाकी है। ये फ्लायओवर पीडब्ल्यूडी बनाएगा।5 फ्लायओवर नेशनल हाइवे बनाएगा बायपास परबढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए फ्लायओवर और रेलवे ओवर ब्रिज जरूरी हैं। एनएचएआई बायपास पर पांच फ्लायओवर बनाएगा। ये उसी तरह बनेंगे जैसे तेजाजी नगर और मांगलिया पर बने हैं। इनमें राऊ बायपास सर्कल, रालामंडल, मांगलिया (अर्जुन बड़ोदा), बेस्ट प्राइस के सामने और लाभ मंडपम् (एमआर-10 तिराहे पर तीन लेन का) का फ्लायओवर शामिल है।2 रेलवे ओवर ब्रिज भी बनेंगेदो रेलवे ओवर ब्रिज लक्ष्मीबाई नगर और पश्चिम क्षेत्र में रेती मंडी के पास स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर बनेंगे। मांगलिया में भी एक प्रस्तावित है।सांसद मॉनिटरिंग सेल बनेगी, हर महीने देगी रिपोर्टसांसद शंकर लालवानी ने बताया सभी प्रोजेक्ट के काम समय पर पूरे हो, इसके लिए मॉनिटरिंग सेल भी बना रहे हैं। आईडीए, एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी और अन्य विभागों में तालमेल हो, इसके लिए यह सेल रहेगी। इसमें जिला प्रशासन, नगर निगम, आईडीए, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई के एक-एक प्रोजेक्ट अधिकारी और एक एक्सपर्ट के साथ सांसद प्रतिनिधि शामिल होगा, जो हर महीने इन प्रोजेक्ट की प्रगति रिपोर्ट देगा। कहीं जमीनी समस्या है तो निदान भी समय सीमा में किया जाएगा।भास्कर explainer- हितेंद्र मेहता, अर्बन प्लानर35 लाख की आबादी में 26 लाख वाहन, 17 फ्लायओवर बने तो 15 लाख आबादी को हर दिन राहतइंदौर शहरी सीमा में 35 लाख की आबादी पर कुल पंजीकृत वाहनों की संख्या 26 लाख हो चुकी है। इनमें 20.17 लाख दो पहिया तो 5.82 लाख फोर-व्हीलर। 25 हजार तीन पहिया वाहन भी शहर में दौड़ रहे हैं। 17 फ्लायओवर, आरओबी बनेंगे तो 15 लाख से ज्यादा लोगों को हर दिन राहत मिलेगी।जितनी भी प्रमुख सड़कें हैं, उनकी अधिकतम चौड़ाई 200 फीट है। वह भी मात्र 5 से 6 सड़कों की। खासकर रिंग रोड, बायपास, सुपर कॉरिडोर, बीआरटीएस और कुछ अन्य।इंदौर में ट्रैफिक अमला चाहिए 2200 जवानों का, लेकिन मंजूर है 861 और है सिर्फ 494। इसीलिए हर चौराहे पर ट्रैफिक लोड हर समय नजर आता है।बायपास पर सबसे बड़ी दिक्कत अंडरपास की और इंटरलिंक सड़कों की कनेक्टिविटी नहीं होने से है। तेजाजी नगर और देवगुराड़िया फ्लायओवर बने हैं तो वहां आसानी से ट्रैफिक निकल जाता है, लेकिन एमआर-10 से भोपाल आने-जाने वालों को सबसे ज्यादा दिक्कत है।सर्विस रोड पर पूरा लोड है। यही हाल पश्चिमी रिंग रोड और पूर्वी रिंग रोड के हैं। फ्लायओवर बनने से निरंजनपुर से राजीव गांधी चौराहे तक ट्रैफिक सीधा गुजर जाएगा। इससे काफी हद तक बीआरटीएस का लोड भी कम होगा।शहर के जिन प्रमुख चौराहों पर फ्लायओवर प्रस्तावित हैं, उनमें भंवरकुआं, महूनाका, फूटी कोठी, लवकुश चौराहा ऐसे हैं, जहां से पूरा ट्रैफिक या तो शहर से अंदर होता है या बाहर जाता है।खबरें और भी हैं…
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