एक बार गद्दारी सहे नादान !
दो बार गद्दारी नालायक़ !
तीन बार गद्दारी सहे सोया हुआ !
चार बार गद्दारी सहे नामर्द !
बार-बार गद्दारी सहे मुर्दा !
हम एक सो प्रतिशत शुद्ध समाज वाले सिख अशुद्ध समाज की ग़ुलामी क्यों करें।
दोष केवल किरण बेदी का ही नहीं है।
दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी का फरमान है
*कोई किसी को राज ना दे हैं, जो ले हैं निज बल से ले हैं *
मामला चाहे मोहन दास करम चंद गाँधी का हो, सविधान का हो, चाहे सरदार पटेल का हो, चाहे नेहरू का हो, चाहे इंदिरा का हो, याँ अब मोदी का हो, सबने सिखों के साथ गद्दारी की है।
शिरोमणि सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी भी दोषी।
अगर ये तीनो सरकारें हमारा आत्म सम्मान नहीं रख सकती तो अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से न्याय माँगा जाय।
इस लिए सिख कौम की गद्दार सभी राजनैतिक पार्टियों का भी बायकाट करना चाइये।
अभी हाल ही मैं किरण बेदी ने सिखों पर गलत टिपण्णी की, वो कहती है, कि वो सिख धर्म से संबंधित है, तो वो जानबूझ कर गलत टिपण्णी कर रही थी, और बाद में ट्वीट कर माफी भी मांग रही है, पहले ग़लती कर के गलती की अब माफी, अनपढ़ गलती करे तो गलती माना जाता है और पढ़ा लिखा जानकार आईपीएस वो भी सिख समाज से संबंध रखने वाला, उसकी गलती माफ़ नहीं की जाती।
किरण बेदी, भाजपा की झोली में बैठ क,र देश की गद्दार हो गयी है, भारत की सबसे बढ़ी, देशभक्त कोम का मजाक बनाने की कोशिश कर रही है, किरण बेदी तो दोषी है ही, साथ ही शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी भी दोषी है।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, को चाहिए की देश के सभी आईपीएस, आईएएस आईएफएस, आईआरएस को अपने कार्यालय में बुलाकर याँ उनके कार्यालय में जाकर भारत के सबसे बढे, देशभक्त समाज की जानकारी दें।
१९४७ के बाद भारत सरकार और सभी आईपीएस, आईएएस आईएफएस, आईआरएस और नेता भारत के सबसे प्रतिष्ठित, ईमानदार, कर्तव्य पपरायण, नैतिक शिक्षा के धनी सिख समुदाय के साथ गद्दारी करते आये हैं।
मामला चाहे मोहन दास करम चंद गाँधी का हो, सविधान का हो, चाहे सरदार पटेल का हो, चाहे नेहरू का हो, चाहे इंदिरा का हो, याँ अब मोदी का हो, सबने सिखों के साथ गद्दारी की है।
मैं इसमें सिख संगठनों को भी दोषी मानता हूँ।
सिख संगठनों को चाहिए, अखंड भारत के समय जो सिखों का राज था, वो सारा राज भारत सरकार और पकिस्तान सरकार और चीन सरकार से वापिस माँगा जाय।
क्योंकि, तीनो सरकारों ने हमेशा सिखों के साथ गद्दारी की है, इस लिए सिख समाज अपना आत्म सम्मान वापिस लें।
हमारा आत्मसमान और आर्थिक सम्मान ग़द्दारों के हाथ नहीं रहना चाहिए।
जो गद्दार १९४७ से आज तक सिख समाज से आर्थिक, नैतिक, सामाजिक। वैश्विक गद्दारी करते आ रहे हैं, उनसे अपना हक़ लेना चाहिए।
इन सभी को सामान तो सारा एक सो प्रतिशत शुद्ध चाहिए लेकिन समाज एक सो प्रतिशत अशुद्ध।
हम एक सो प्रतिशत शुद्ध समाज वाले सिख अशुद्ध समाज की ग़ुलामी क्यों करें।
अगर ये तीनो सरकारें हमारा आत्म सम्मान नहीं रख सकती तो अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से न्याय माँगा जाय।
अपने साथ हो रही गद्दारी को देखकर भी, चुप रहने वाले भी गद्दार हैं।
श्री अकाल तखत साहिब के जत्थेदार को भी, तीनो देशों से अपने आत्म सम्मान की बात करनी चाहिए।
दोष केवल किरण बेदी का ही नहीं है।
इस लिए सिख कौम की गद्दार सभी राजनैतिक पार्टियों का भी बायकाट करना चाइये।
दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी का फरमान है *कोई किसी को राज ना दे हैं जो ले हैं निज बल से ले हैं *
अब समस्य आ गया है की अपना राज वापिस लिया जाय।
राज करेगा खालसा आकि रहे ना कोय।
वाहेगुरू जी का ख़ालसा।
वाहेगुरु जी की फ़तिह।
लेख़क मांग कर्ता
सरदार चरणजीत सिंह भारती ख़ालसा

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