बोले- अखिलेश लगातार हमारी पार्टी को इग्नोर कर रहे; यशवंत सिन्हा का समर्थन करूंगा या नहीं, समय बताएगा
लखनऊ: राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा गुरुवार को लखनऊ आए। उनके साथ अखिलेश यादव, जयंत चौधरी, आजम खान दिखाई दिए। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर नहीं पहुंचे। यशवंत सिन्हा के साथ लखनऊ में बैठक हो रही थी और ओपी राजभर मऊ में थे। से राजभर ने बातचीत की। यशवंत के समर्थन के सवाल पर राजभर ने कहा कि यह तो वक्त बताएगा।अखिलेश मुझे और मेरी पार्टी को गठबंधन में इग्नोर करके अपनी नेगेटिव इमेज बना रहे हैं। मैं दिन-रात आजमगढ़ में डटा रहा और वह लखनऊ में बैठे रहे। अगर चुनाव के मैदान में कमांडर नहीं होगा तो चुनाव कैसे जीतेंगे। आइए, अब एक-एक कर सवाल-जवाब में पढ़ाते हैं राजभर की पूरी बातचीत…लखनऊ में सपा कार्यालय में गुरुवार को यशवंत सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस मौके पर अखिलेश यादव, आजम खान और जयंत चौधरी ने भी मीडिया को संबोधित किया।सवाल: आपको अखिलेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्यों नहीं बुलाया?जवाब: यह तो अखिलेश ही बता सकते हैं।सवाल: आपके गठबंधन में क्या सब कुछ सही नहीं चल रहा?जवाब: यह मैं नहीं बता सकता, लेकिन अखिलेश जिस तरह कर रहे हैं वह ठीक नहीं है। लगातार हमारी पार्टी को गठबंधन में इग्नोर कर रहे हैं।गोमतीनगर के एक होटल में डिनर करते यशवंत सिन्हा, अखिलेश यादव और आराधना मिश्रा मोना। यह तस्वीर गुरुवार रात की है।सवाल: क्या आप विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार को वोट देंगे?जवाब: यह तो वक्त बताएगा। तीन-चार दिन में चीजें तय करूंगा। देखूंगा किसे दूंगा, किसे नहीं दूंगा। यह तय है कि पहले सपा अपने वोट को बचा ले। वह अपने चाचा का वोट नहीं बचा पाएंगे। 100% शिवपाल यादव अखिलेश यादव के कहने पर वोट नहीं देंगे। पहले शिवपाल यादव को बचा लें तो बाकियों को बचा पाएंगे।सवाल: आपको क्या लग रहा है कि चाचा यशवंत सिन्हा को वोट करेंगे?जवाब: 100% गारंटी से कह रहा हूं कि शिवपाल यादव उनके कहने पर यशवंत को वोट नहीं करेंगे। जिस तरीके का अखिलेश यादव का उनके प्रति व्यवहार है।सवाल: आप भी तो नाराज हैं तो क्या आप भी वोट करेंगे?जवाब: अभी हम लोग इंतजार में हैं। तीन से चार दिन हम इंतजार कर रहे हैं। हम गठबंधन में हैं। हमको प्रेस कॉन्फ्रेंस में ना बुलाकर उनकी सोच का पता चल गया। किस तरीके की सोच है अखिलेश यादव की।सवाल: आप लगातार गठबंधन का फर्ज निभा रहे हैं। धर्मेंद्र यादव को लोकसभा उपचुनाव में उतारा गया। क्या कहना है?जवाब: देखते हैं तीन से चार दिन और देख लेते हैं कि क्या चाहते हैं। अब उनकी तरफ से नेगेटिव तो शुरू हो गया है। भाव भी उनका बदल गया है। आज की मीटिंग में ना बुलाकर कर यह साबित कर दिया है कि आपकी जरूरत नहीं है।सवाल: तो अभी आपको अखिलेश के फोन का इंतजार है?जवाब: हां फोन करेंगे तो ठीक हो सकता है। आज की रात में उनका मन बदलने का इंतजार है। अगर बदल गया तो ठीक है। नहीं तो तीन-चार दिनों में फैसला होगा।सवाल: आपके न आने के सवाल पर अखिलेश ने कहा- वो हमारा विषय नहीं है?जवाब: जब वो मीटिंग में नहीं बुला रहे हैं तो बात क्या बताएंगे।सवाल: लगातार आप अखिलेश और उनकी पार्टी को लेकर सवाल खड़ा कर रहे हैं। उपचुनाव में क्या भूमिका रही?जवाब: 12 दिन आजमगढ़ के लोकसभा उपचुनाव में था। 45 डिग्री सेल्सियस में रहकर रोज 13 से 14 मीटिंग किया। बिना कमांडर के चुनाव नहीं लड़ा जा सकता है। नेता को AC से निकलकर नॉन AC में रहना चाहिए। बिना नेता के चुनाव नहीं लड़ा जाता है। जब नेता साथ रहता है तो उसका जोश और बढ़ता है।सवाल: आपको न राज्यसभा भेजा और न ही MLC बनाया गया?जवाब: उनको लगता है कि सिर्फ मुसलमान और यादव ही MLC बन सकते हैं। राजभर नहीं बन सकते। ये उनकी सोच है।सवाल: चर्चा थी कि आपके बेटे अरुण राजभर को MLC बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्यों?जवाब: क्यों नहीं बनाया गया। यह तो वही बता सकते हैं। क्या केवल मुसलमान और यादव MLC बनेंगे। मुसलमान और यादव को छोड़कर आपको कोई नहीं दिखाई पड़ रहा है।
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