बाड़मेर: बाड़मेर जिले के धनाऊ श्रीरामवाला गांव के शंकरसिह पोटलिया का असिस्टेंट प्रोफेसर इतिहास विषय में ऑल राजस्थान में पहली रैंक हासिल की है। सोमवार को सुबह ट्रेन से बाड़मेर पहुंचने पर रेलवे स्टेशन पर दोस्तों व परिजनों ने माला व साफा पहनाकर स्वागत किया गया। मिठाई खिलाकर मुंह मिठा करवाया गया। पोटलिया ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि टारगेटर निर्धारित करके हर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।दरअसल, राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर की ओर से आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर (इतिहास) का रिजल्ट दो दिन पहले घोषित किया गया था। इसमें शंकरसिह का ऑल राजस्थान में पहली रैंक हासिल की। शंकरसिह के पिता रमेंशचद्र पोटलिया किसान है। गांव में खेती का काम करते है। शुरूआत शिक्षा गांव की सरकारी स्कूल से हुई है। चौहटन में 10वीं कक्षा पास की और जोधपुर स्कूल से 12वी कक्षा पास की है। बीएड करने के बाद बनासर हिंदू यूनिवर्सिटी से एमए की है। सोमवार को सुबह 7 बजे ट्रेन से बाड़मेर पहुंचने पर दोस्त व परिजन बधाई देने के लिए पहुंच गए। दोस्तों व परिजनों ने साफा व माला पहनाकर स्वागत कर बधाई दी। वहीं मुंह मिठा भी करवाया। गांव से लेकर शहर तक दोस्तों व परिजनों में खुशी का माहौल है।चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर शंकरसिह का कहना है कि मैं पीएडी बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी वाराणसी से चल रही है। दिल्ली में रहकर रिसर्च कर रहा हूं। मैंने अभी दिल्ली में प्रवक्ता इतिहास में तीसरी रैक हासिल की थी। लेकिन वहां पर मैंने अभी तक ज्वाइन नहीं किया है। इतिहास सब्जेक्ट से मैंने ऑल राजस्थान में पहली रैक हासिल की है। मैं बीते 5 सालों से तैयारी कर रहा था। टारगेट को पाने के लिए दो-तीन माह अच्छी पढ़ाई की जाए तो सफलता हाथ लग जाती है। एग्जाम से तीन माह पहले लगातार 12-13 घंटे पढाई करता था। बाकी हर वक्त हेडफोन कानों में डालकर यूट्यूब पर सब्जेक्ट से संबंधित सुनता रहता था।

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