नई दिल्ली: भारत के लिए 1 जून, बुधवार का दिन बहुत ही अहम है, क्योंकि इसी दिन मोदी सरकार ने भारत और बांग्लादेश के बीच मिताली एक्सप्रेस (Mitali Express) ट्रेन शुरू की है। भारत और बांग्लादेश के बीच चलने वाली यह तीसरी ट्रेन है। यह ट्रेन न्यू जलपाईगुड़ी और ढाका के बची चलेगी। यह ट्रेन हाल ही में शुरू किए गए हल्दीबाड़ी-चिलाहटी रेल लिंक से होकर गुजरेगी। खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और बांग्लादेश के रेल मंत्री मोहम्मद नुरुल सुजान ने इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। दोनों मंत्रियों ने दिल्ली के रेल भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।
मिताली एक्सप्रेस से टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावाभारत और बांग्लादेश के बीच शुरू की गई मिताली एक्सप्रेस ट्रेन दार्जिलिंग और आसपास की खूबसूरत वादियों से होते हुए जाएगी। ऐसे में इस ट्रेन को टूरिज्म के लिहाज से बहुत ही अहम माना जा रहा है। जिस रूट पर ये ट्रेन चली है, उस इलाके में बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लोग घूमने आते हैं। इस टूरिज्म को देखते हुए ही यह ट्रेन शुरू की गई है, जिससे टूरिज्म सेक्टर भी फलेगा-फूलेगा। पिछले ही साल 27 मार्च को दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने मिताली एक्सप्रेस का वीडियो कॉन्फ्रेंस से उद्घाटन किया था, लेकिन कोविड की वजह से ट्रेन शुरू नहीं हो पाई थी।
जानिए क्या है इस ट्रेन का टाइम-टेबलफिलहाल मिताली एक्सप्रेस ट्रेन हफ्ते में 2 दिन चलेगी। यह ट्रेन हर रविवार और बुधवार को सुबह 11.45 बजे न्यू जलपाईगुड़ी से रवाना होगी और उसी दिन देर रात 10.30 बजे ढाका पहुंचेगी। वहीं ढाका से यह ट्रेन हर सोमवार और गुरुवार को रात 9.30 बजे रवाना होगी और अगले दिन सुबह 7.15 बजे न्यू जलपाईगुड़ी पहुंचेगी। न्यू जलपाईगुड़ी से ढाका कैंट के बीच की दूरी 595 किलोमीटर है, जिसे यह ट्रेन 9 घंटे 45 मिनट में तय करेगी। इसमें केवल सवा घंटे की जर्नी भारत के इलाके में होगी, क्योंकि केवल 61 किलोमीटर भाग ही भारत में होगा।
मिताली एक्सप्रेस तीसरी ट्रेन, ये दो ट्रेनें चल रही हैं अभीभारत और बांग्लादेश के बीच चली मिताली एक्सप्रेस तीसरी ट्रेन है। भारत और बांग्लादेश के बीच दो ट्रेनें पहले से ही चल रही हैं। पहली है मैत्री एक्सप्रेस, जो कोलकाता और ढाका के बीच चलती है। वहीं दूसरी ट्रेन है बंधन एक्सप्रेस, जो कोलकाता और खुलना के बीच चल रही है। यह ट्रेन दोनों देशों के बीच संपर्क को बढ़ाने के मकसद से शुरू की गई है, क्योंकि यहां सैलानी खूब आते हैं।
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