हिसार: मृतक धर्मपाल की फाइल फोटोहिसार के खेदड़ पावर प्लांट में पुलिस और ग्रामीणों की झड़प में मारे गए धर्मपाल का आज दोपहर बाद दाह संस्कार होगा। इससे पहले प्रदेश भर से लोग उसके अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे। बीते दिन बरसात की वजह से शाम को उसका दाह संस्कार नहीं किया जा सका।बता दे कि शुक्रवार को गिरफ्तार 4 युवाओं की कोर्ट से जमानत हो गई थी, जिसके बाद वे अपने गांव पहुंच गए। परंतु मौसम सही न होने की वजह से ग्रामीणों ने मीटिंग करके दाह संस्कार शनिवार को करने का फैसला किया। ऐसे में 8 दिनों बाद धर्मपाल के शरीर का दाह संस्कार होगा। धर्मपाल की मौत 8 जुलाई को हुई थी।इन मांगों पर बनी सहमतिराखी पर 37 रुपये प्रति टन भराई गौशाला को दिया जाएगा। मशीनें गौशाला कमेटी की रहेगी। थर्मल प्लांट से खेदड़ गांव को लाइट और पानी दिया जाएगा, 15 दिन में सारे केस वापस लेने की प्रकिया पूरी की जाएगी।थर्मल प्लांट में झुलसे लोगों को ढाई लाख रुपये दिए जाएंगे, सीएम से मीटिंग के बाद डीसी रेट की नौकरी दी जाएगी, मृतक धर्मपाल के परिवार को उचित मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।8 जुलाई का घटनाक्रमराख की मांग को लेकर ग्रामीणों ने खेदड़ पावर प्लांट के अंदर जाने वाले रेलवे ट्रेक पर पड़ाव डालने का फैसला लिया। इसके बाद किसान ट्रेक्टरों पर सवार होकर ट्रेक की ओर चल दिए। पुलिस ने बेरीकेड्स लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया। किसानों ने बेरीकेड्स तोड़ दिए। इसी बीच एक ट्रेक्टर किसानों को रौंदता हुआ आगे निकल गया। पुलिस ने किसानों को तितर बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का प्रयोग किया। किसानों का दावा है कि पुलिस के लाठीचार्ज से किसानों को चोटें लगी। एक किसान धर्मपाल की मौत भी इसी कारण हुई। जबकि पुलिस का कहना है कि धर्मपाल की मौत ट्रेक्टर के नीचे आने से हुई है। तीन पुलिस कर्मचारी भी गंभीर रुप से घायल हो गए थे। इस मामले में 10 नामजद किसानों और करीब 800 अज्ञात के खिलाफ 11 धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।ये था राख का विवादखेदड़ पावर प्लांट में करीब तीन महीने से ग्रामीण और किसान धरना दे रहे थे। ग्रामीणों की मांग थी कि प्लांट की राख पहले की तरह उन्हें मुफ्त दी जाए। जबकि प्लांट के अधिकारी इसमें असमर्थता जता रहे थे7 क्योंकि बिजली मंत्रालय ने राख को टेंडर के जरिए बेचने का प्रस्ताव पास किया है। यह राख ईंट बनाने में प्रयोग होती है। प्लांट में करीब 67 करोड़ की राख है। वहीं ग्रामीणों का तर्क था कि जब पहले राख को कोई लेता नहीं था तो ग्रामीण इसका प्रयोग करते थे। इससे खेदड़ गौशाला को होने वाली आय बंद हो जाएगी और करीब 1 हजार गायों का पालन पोषण कर रही गौशाला बंद हो जाएगी। इसलिए ग्रामीण पहले की तरह ही राख फ्री में देने की मांग कर रहे थे।
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6839500cookie-checkमृतक धर्मपाल का आज होगा अंतिम संस्कार; 8 जुलाई को हुई थी मौत
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