ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी को लेकर देश दुनिया में बहुत प्रकार की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि पत्रकारों का उनकी पत्रकारिता के लिए उत्पीड़न नहीं होना चाहिए और ना ही इसके लिए उन्हें जेल में डाला जाना चाहिए। हम पत्रकार मोहम्मद जुबैर के मामले से वाकिफ हैं।
जर्मनी के विदेश मंत्रालय की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी का जिक्र एक प्रत्रकार ने किया। फिर इस सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्रिश्चियन वैगनर ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत से उम्मीद की जाती है कि वह अभिव्यक्ति की आजादी और प्रेस की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करे। कहीं भी बिना किसी रोक-टोक और दबाव के पत्रकारिता नहीं हो पाना चिंता का कारण है। वैगनर के मुताबिक नई दिल्ली स्थित जर्मनी दूतावास इस मामले पर करीब से नजर रखे हुए है। वहीं जर्मनी इस मामले में यूरोपीय यूनियन के कुछ देशों के भी संपर्क में हैं। उन्होंने बताया कि ईयू ने इस मामले पर भारत से भी बात की है।
ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को अपनी कस्टडी में लेने के लिए सीतापुर पुलिस दिल्ली रवाना हुई थी। जुबैर को सीतापुर लाया गया है। गुरुवार को ही जुबैर को सीतापुर की एक अदालत में पेश किया गया है। हालांकि पुलिस ने अभी इसका खुलासा नहीं किया है कि उसे कहां रखा जाएगा। यह पूरा मामला उस समय उठा था जब मोहम्मद जुबैर को धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उनके 2018 के एक ट्वीट का हवाला देकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। उन पर आरोप है कि उन्होंने धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाई है।
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