राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर छत्तीसगढ़ से आए आदिवासी गरीब किसानों ने धरना प्रदर्शन किया इन किसानों का कहना था कि इनकी जमीन विकास के नाम पर सरकारों ने पूंजीपतियों के हाथ बेच दी इन्हें छोटा-मोटा मुआवजा दिया और इनकी जमीन हड़प ली जिन्होंने जमीने नहीं बेची उनके साथ बदसलूकी बद व्यवहार और अत्याचार किए गए साथ ही उन्हें मारा-पीटा गया और झूठे मुकदमों में फंसा कर उनकी जमीन हड़प ली गई अब यह आदिवासी एक किसान दिल्ली में जंतर मंतर पर इस उम्मीद के साथ आए की इन्हें इनकी खेती की जमीन दोबारा से वापस मिल जाए हालांकि जो जमीन सरकार ने अधिग्रहित की है उस पर कई फैक्ट्रियां और यूनिवर्सिटी बना दी गई है लेकिन यह किसान अभी भी अपना हौसला नहीं खोना चाहते हैं इनका कहना है कि लड़ाई चाहे कितनी भी लंबी हो जाए लेकिन यह हार मानने वाले नहीं हैं सरकार को इनकी मांगे माननी ही पड़ेगी इन लोगों ने प्राइवेट कंपनियों के मालिकों के खिलाफ दी बोलते हुए कहा कि उन कंपनियों के मालिकों पर भी कार्यवाही की जानी चाहिए जिन्होंने उनकी जमीनों को हड़प लिया
जंतर मंतर पर आज इन के सपोर्ट में पंजाब के निहंग सिख भी धरने पर दिखाई दिए इन लोगों ने कहा कि हम इन लोगों के साथ हैं और जब तक सरकार इनकी मांगें नहीं मान लेती है तब तक यह चुप बैठने वाले नहीं हैं
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