रासायनिक एवं जैविक हमलों से कैसे बचें?DRDE ने ग्वालियर जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को दिए टिप्स
DRDE News : भारत पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है पाकिस्तान सीजफायर का उल्लंघन कर लगातार हमले कर रहा है जिसका जवाब भारत दे रहा है और हमलों को हवा में ही नाकाम कर रहा है, पूरा देश अलर्ट पर है मध्य प्रदेश में भी अलर्ट है, केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकार ने भी सभी जिलों से अतिरिक्त सतर्कता बरतने और सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन के सभी उपाय करने के निर्देश दिए हैं साथ ही आपातकालीन स्थितियों के समय की जाने वाली सभी तैयारियां करने के निर्देश दिए है।
शासन के निर्देशों के बाद ग्वालियर कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान और एसपी धर्मवीर सिंह एक्टिव मोड में हैं, लगातार बैठकों का क्रम जारी है जिसमें अधिकारियों को पूरी तरह से सजग और तैयार रहने के निर्देश दिए जा रहे हैं इसी के साथ आपदा प्रबंधन की बारीकियों को भी समझा जा रहा है इसी क्रम में आज DRDE यानि रक्षा अनुसंधान विकास स्थापना में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें रासायनिक एवं जैविक हथियारों से बचने एवं दूसरों को बचाने की बारीकियाँ बताई गई।
रासायनिक एवं जैविक हथियारों के हमले से कैसे बचें, DRDE ने सिखाये गुर
ग्वालियर स्थित DRDE में आज जिला प्रशासन, पुलिस एवं अन्य विभागों के अधिकारियों ने रासायनिक एवं जैविक हथियारों से बचने एवं दूसरों को बचाने की बारीकियाँ सीखीं। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह एवं डीआरडीई के निदेशक डॉ. मनमोहन परीडा की मौजूदगी में आयोजित हुए प्रशिक्षण में डीआरडीई के वैज्ञानिकों ने विभिन्न प्रकार के रासायनिक एवं जैविक एजेंट से बचने के उपाय बताए।
आपात कालीन स्थिति में ऐसे करें बचाव
- प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि यदि कहीं रासायनिक एवं जैविक हमला हुआ हो तो मुंह पर गीला रूमाल या कपड़ा बांधकर हवा के विपरीत दिशा से निकलना चाहिए।
- इसके बाद सुरक्षित स्थान पर पहुंचकर साबुन लगाकर अच्छी तरह मुंह -हाथ धोकर नहा लेना चाहिए।
- मुल्तानी मिट्टी व राख से हाथ व शरीर की सफाई भी अत्यंत कारगर रहती है।
पाउडर, गैस व एरोसोल फॉर्म में कैमिकल हो सकते हैं
डीआरडीई की वैज्ञानिक डॉ. मनीषा साठे ने विभिन्न प्रकार के रासायनिक वैरिएंट के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शरीर पर कौन से कैमिकल के किस प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है। डॉ. साठे ने बताया कि पाउडर, गैस व एरोसोल फॉर्म में कैमिकल हो सकते हैं। प्रशिक्षण में न्यूक्लियर रेडियो एक्टिव, बायोलॉजिकल व कैमिकल वैरिएंट के प्रकार एवं इनके असर को कम करने के उपायों पर प्रकाश डाला गया।
बहुत ही कम मात्रा का रसायन व जैविक वैरिएंट बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है
वैज्ञानिक डॉ. रामकुमार धाकड़ ने विभिन्न प्रकार के जैविक वैरिएंट पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बहुत ही कम मात्रा का रसायन व जैविक वैरिएंट बड़ी क्षति पहुंचा सकते हैं। प्रोपर किट (कपड़े) पहने बगैर कैमिकल जैविक वैरिएंट फैलने पर नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम खुद सुरक्षित रहकर ही दूसरों की रक्षा कर सकते हैं।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट

Comments are closed.