हरदोई: हरदोई में विगत दिनों शासन की तरफ से चलाए गए वृहद वृक्षारोपण अभियान के दौरान 3 दिन प्रशासन ने बढ़-चढ़कर वृक्षारोपण कराए जाने का दावा किया। 75 लाख का टारगेट हरदोई जनपद को दिया गया था। जिला प्रशासन के मुताबिक उन्होंने टारगेट को अचीव करके उससे ज्यादा वृक्षारोपण जनपद में किया था। लेकिन, यह वृक्षारोपण किस तरह हुआ इसकी हकीकत अब सामने आई है।पौधे तो खरीदे गए वृक्षारोपण के लिए और उन खरीदे गए पौधों से ही गिनती हुई। लेकिन इन पौधों को जमीन में रोपने की बजाय झाड़ियों और जंगलों में फेंक दिया गया। अब गांव के लोग इन पौधों को झाड़ियों से निकालकर इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। सिर्फ झाड़ियों में नहीं बल्कि जंगलों में भी छोटे-छोटे पौधे जो नर्सरी से आए हैं। उनको जमीन में रोककर झाड़ियों और जंगलों में फेंक कर वृक्षारोपण अभियान के दौरान आंकड़ों को बढ़ाने का काम किया गया है।रोपने के बजाय झाड़ियों में फेंके पौधेविकास खण्ड कोथावां की ग्राम पंचायत काकूपुर ग्राम वासियों ने वृहद वृक्षारोपण की पोल खोल कर रख दी है। इस ग्राम पंचायत मे जिम्मेदारों ने पौधारोपण के लिये आये 2700 पौधों को जमीन पर न लगवाकर जंगल और झाड़ियों मे फेंक दिया। वृक्षारोपण के लिये कई प्रजातियों के पौधे ग्राम पंचायतों को मुफ्त उपलब्ध कराए गये थे।धूप में सूख गए पौधेप्रशासन द्वारा ग्राम पंचायत काकूपुर में चरागाह आदि की भूमि पर वृक्षारोपण के लिए ये पौधे दिए गए थे। लेकिन, इन पौधों को झाड़ी, जंगल रूपी घास में फेंक दिया गया जो तपती धूप में सूखकर पूरी तरह नष्ट हो गए। फेंके गए पेड़ों की जानकारी ग्रामीणों द्वारा मिलने पर लोगो ने मौके पर जाकर देखा तो कई प्रजातियों के फलदार एवं छायादार पौधे पूरी तरह टूटे एवं लावारिस अवस्था में सूखे पड़े हुए थे।अधिकारी बोले – मामला संज्ञान में नहींकुछ पौधे छिपाने की मंशा से झाड़ियों के अंदर फेंक दिए गए थे। जिन्हें ग्रामीणों ने मौके पर निकालकर दिखाया वहीं इस संबंध में प्रधान राम प्रताप ने बताया गया कि यहां पूरे 2700 पौधे लगा दिए गए हैं। वहीं इस बाबत खण्ड विकास अधिकारी पंकज यादव का कहना है कि मामला संज्ञान मे नहीं है। जांच कराकर सभी जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी
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