चंडीगढ़: डीजीपी वीके भावरापंजाब में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को लेकर मुश्किलों में घिरी भगवंत मान सरकार के लिए चुनौतियां बढ़ने वाली हैं। मोहाली में इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर पर हमले और सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड जैसे प्रमुख मसले लीड कर रहे डीजीपी वीके भावरा जुलाई के पहले सप्ताह से करीब दो महीने से अधिक समय के लिए छुट्टी पर जा रहे हैं। भावरा के छुट्टी जाने के बाद मान सरकार को राज्य के नए डीजीपी पद की जिम्मेदारी किसी सीनियर अधिकारी को सौंपी जाएगी। इनमें सीएम के प्रमुख सचिव व डीजीपी गौरव यादव का नाम सबसे आगे हैं। डीजीपी एसटीएफ हरप्रीत सिंह सिद्धू व डीजीपी संजीव कालरा के नाम भी इस चर्चा में हैं।मूसेवाला की हत्या के बाद जब सीएम उनके घर गए थे तो साथ नहीं थे भावरा, इसी से बढ़ीं दूरियांभगवंत मान सरकार के सत्ता में आने से पहले ही 1987 बैच के सीनियर आइपीएस अधिकारी की डीजीपी पद पर तैनाती की गई थी। मान सरकार को अभी 3 महीने हुए हैं, विपक्ष ने पहले पटियाला में हुई हिंसक घटना पर कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार को घेरा था। पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस हैडक्वार्टर पर हुए हमले के बाद मान सरकार फिर से सवालोें के घेरे में आ गई। इसी दौरान पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला का गैंगस्टरों ने हाईटेक हथियारोें से कत्ल कर दिया। इसके बाद प्रदेश में लगातार बिगड़ते लॉ एंड आर्डर को लेकर सरकार के साथ पुलिस प्रशासन की कारगुजारी पर भी सवाल उठने लगे हैं।सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद उसके मानसा स्थित गांव मूसा में विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग अफसोस जताने पहुंचे। सीएम भगवंत सिंह मान भी पहुंचे। उन्होंने हत्यारोपियों को हर हाल में गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया। सीएम के साथ राज्य का कोई पुलिस अफसर उनके साथ नहीं था। वहीं से डीजीपी भावरा के साथ मान सरकार की नाराजगी सामने आने लगी। विपक्ष ने पुलिस प्रशासन की कारगुजारी पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए। मान सरकार पर पुलिस प्रशासन की कारगुजारी पर उठ रहे सवालों ने थमने का नाम नहीं लिया।उप चुनाव में भी रहा लॉ एंड आर्डर मुद्दासंगरूर लोकसभा उप चुनाव में भी सबसे बड़ा मुद्दा लॉ एंड आर्डर का रहा। इस चुनाव की पूरी कमान सीएम भगवंत सिंह मान ने संभाली, लेकिन विपक्ष मूसेवाला हत्याकांड को लेकर लॉ एंड आर्डर के सवाल उठा मान सरकार को घेरती रही। चुनाव में अन्य मुद्दोें के साथ-साथ बड़ा मुद्दा पुलिस प्रशासन की कारगुजारी भी रहा। इससे रिजल्ट पर भी असर पड़ा और आखिरकार तीन महीने सरकार के गठन होने के बावजूद आम आदमी पार्टी उप चुनाव हार गई।
यह भी पढ़ें
6362300cookie-checkलंबी छुट्टी पर जाएंगे भावरा, आप सरकार लगाएगी नया डीजीपी
Comments are closed.