लखीमपुर-खीरी: कॉपी लिंकलखीमपुर खीरी में बाघ के हमले से आए दिन मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते 2 वर्षों से बाघ ने करीब 20 लोगों को अपना निवाला बनाया है। इसके बाद फॉरेस्ट विभाग की नींद खुली है। बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने पिंजरा लगवा दिया है। सेंट्रलाइज करने के आदेश पारित किए गए हैं। मगर वन विभाग की तैयारियों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।बीते दिन अपनी पत्नी के साथ चारा लेने जा रहे युवक को बाघ ने अपना शिकार बना डाला। फॉरेस्ट विभाग ग्रामीणों से अकेले खेतों पर न जाने को कहकर अपना पल्ला झाड़ रहा है। वही किसानों को खेतों में जाने से डर लगने लगा है। लोगों ने अपने बच्चों को घर से निकलना बंद करा दिया है।5 लाख की सहायता राशि भी नहीं मिलीलखीमपुर खीरी में बाघ का कहर जारी है। विभाग के आला अधिकारियों ने दावा किया था कि जल्द ही बाघ को बेहोश कर प्राणी उद्यान लखनऊ चिड़ियाघर भेजा जाएगा। मगर बाग अभी भी विभाग की पकड़ से कोसों दूर नजर आ रहा है। बीते वर्षों में करीब 20 मौतें हो चुकी हैं। वन विभाग के नियमों के तहत मृतक परिवार को ₹5 लाख देने का प्रावधान है। लेकिन ये धन किसी को आत तक नहीं मिला।वन विभाग भरसक प्रयास कर रहा है, लेकिन विभाग के इन प्रयासों को बाघ नाकाम कर दे रहा है।मरने वालों के नाम1 – इंद्रजीत बेटा मुरली निवासी चौधरी पुरवा मंझरापूरब2 – मंगत सिंह बेटा कक्का सिंह निवासी सोलापुरवा मजरा मंझरापूरब 3- राममूर्ति बेटा बिरजू निवासी दुमेड़ा मंझरापूरब 4- ओमप्रकाश बेटा रामजीवन निवासी मंझरापूरब 5- शाहिद बेटा जमील निवासी अदलाबाद 6- शिवकुमार बेटा पुत्तु निवासी दुमेड़ा मंझरापूरब 7- ओमप्रकाश बेटा ढोंढ़े निवासी मंझरापूरब 8 – प्रीतम लाल बेटा प्रभु निवासी दलराजपुर 9- अवधेश बेटा बदलू निवासी मझरापूरब 10 – ज्ञान सिंह बेटा सुंदर सिंह निवासी दलराजपुर11 – प्यारे लाल बेटा इतवारी निवासी मंझरापूरब12 – भंवरी लाल बेटा सरजू निवासी दुमेड़ामंझरापूरब 13- सुरजीत सिंह बेटा दिलीप सिंह निवासी दलराजपुर14- राहुल बेटा बालकिशन निवासी सिंधौना 15 – मुंशी बेटा रामस्वरूप निवासी बरसोला 16- महेश बेटा दुजई निवासी दुमेड़ा मंझरापूरब 17- कमलेश बेटा बांकेलाल निवासी शायपुरप दुआ18 – मूलचंद उर्फ मोहनदास बाबा निवासी भंगहा 19- देबू बेटा सूरज निवासी नया पिंड खैरटिया 20- नरेंद्र बेटा राम सिंह निवासी नरेंद्रनगर बेली तेलियार।

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