चित्तौड़गढ़: सतपुड़ा ग्राम पंचायत में एक तेंदुए को रेस्क्यू किया गया। कई दिनों से क्षेत्र में तेंदुए की मूवमेंट होने से आसपास के लोग भी दहशत में थे। वन विभाग की टीम कई दिनों से इस ओर काम कर रही थी। आखिरकार रविवार रात को तेंदुआ पिंजरे में आ फंसा।DFO सुगनाराम जाट ने बताया कि सतपुड़ा गांव के लोगों ने कई बार शिकायत की है कि आसपास तेंदुए का मूवमेंट देखा गया है। वन विभाग के पास जब इसकी जानकारी आई तो क्षेत्रीय वन अधिकारी राजेंद्र कुमार शर्मा के नेतृत्व में टीम ने तेंदुए की तलाश की, लेकिन कुछ पता नहीं चला।चार दिन पहले भी सतपुड़ा ओदी वन खंड में पिंजरा लगाया गया था, लेकिन पिंजरे में कोई भी तेंदुआ नहीं फंसा। जब आसपास जानकारी ली तो पता चला कि तेंदुए का मूवमेंट कहीं और हो रहा है। टीम ने पिंजरे की लोकेशन चेंज कर रविवार को दूसरी जगह रख दी। रात के 11 बजे तक पूरी टीम वहीं थी लेकिन तेंदुआ नहीं आया। उसके बाद टीम आसपास रहने वाले सभी ग्रामीणों को घर के अंदर रहने और मवेशियों को भी अंदर रखने की चेतावनी देकर चले गए थे।मौके पर जमा भीड़।इलाज के बाद छोड़ा जंगल मेंसहनवा नाका इंचार्ज भूपेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि सुबह जानकारी मिली कि पिंजरे में एक तेंदुआ फंसा हुआ है। मौके पर जाकर देखा तो लगभग 6 से 7 साल का वयस्क तेंदुआ पिंजरे में था। भीड़ ज्यादा होने के कारण तेंदुए का तुरंत रेस्क्यू कर उसे सेमलपुरा नर्सरी पहुंचाया गया। सेमलपुरा नर्सरी में डॉक्टर को बुलाया गया। वहां इलाज के बाद तेंदुए को वन खण्ड में छोड़ दिया गया। इस दौरान फील्ड पर सहवाग के मनोज शर्मा, रिटायर्ड वनपाल इंद्र सिंह तंवर, वनपाल घटियावली विशाल मीणा, वनरक्षक पंकज वैष्णव, वाहन चालक नाथू सिंह, सतपुड़ा सरपंच नारायण भील साथ में थे।
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