शिव के राज में अधिकारी तक प्रताड़ित…
महिला आईएएस का दर्द छलका, कहा चुप रही तो महिला अधिकारी होने पर शर्म आएगी
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भोपाल। प्रदेश में अक्सर कॉंग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते रहे है कि सरकार अधिकारियों का दमन कर रही है और उन्हें भाजपा के अनुसार ही कार्य करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। भाजपा हमेशा इसका खंडन करती आई है लेकिन अब अधिकारी भी खुल कर अपना पक्ष सोशल मीडिया पर रखने लगे है। ऐसा ही एक मामला हुआ जिसमें 2011 बेच की आईएएस अधिकारी नेहा मारव्या ने अपनी पीड़ा सोशल मीडिया पर साझा करके सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है।
बताया जाता है कि 2011 बेच की आईएएस अधिकारी के हमेशा से भेदभाव होता आ रहा है, पिछले 11 साल के कार्यकाल में उन्हें कभी भी कोई अच्छी पोस्टिंग नही दी गई। साथ ही उन्होंने बताया कि जब वे मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के पास जब वे पदभार ग्रहण करने गई तो प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने उन्हें बेइज्जत करते हुए कहा कि उनके पास उन्हें देने के लिए कोई कार्य नही है साथ ही यह भी कहा कि वे आइन्दा से मुनक कमरे में नही आया करे। आईएएस अधिकारी नेहा मारव्या ने इस बेइज्जती से आहत होकर अपनी पीड़ा को महिला आईएएस अधिकारी के व्हाट्सएप ग्रुप पर साझा किया। साथ ही यह भी कहा कि अब अगर वह चुप रही तो उन्हें महिला अधिकारी होने पर शर्म आएगी। मारव्या की इस पोस्ट के बाद रिटायर्ड आईएएस अधिकारी रंजना चौधरी ने भी उनका समर्थन किया और कहा जी वह सच कह रहा है और सही के लिए लड़ाई लड़ो में तुम्हारे साथ हु। वही दूसरी महिला अधिकारी जी वी रश्मि ने लिखा इस तरह की बाते सोशल मीडिया ग्रुप पर लिखना सही नही है
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