कानपुर हिंसा के बाद इस बार जुमे की नमाज पर पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया था। सभी जिलों में मस्जिदों के बाहर और आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। प्रयागराज में भी सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था थी लेकिन जुमे की नमाज के बाद जो नजारा दिखा वह सवाल खड़ा कर है कि सतर्कता के बाद पथराव, आगजनी और फायरिंग कैसे हुई।
प्रयागराज के अटाला में जुमे की नमाज के बाद पहले नारेबाजी और हंगामा हुआ। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो पथराव शुरू हो गया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर उपद्रव कर रहे लोगों को खदेड़ा। इसके बाद भी उपद्रवी शांत नहीं हुए तो आंसू गैस के गोले छोड़े गए। हवाई फायरिंग भी की गई। पथऱाव में आईजी राकेश सिंह भी घायल हो गए हैं। इसके अलावा कई पुलिस वाले जख्मी हुए हैं। उपद्रवियों ने एक ट्राली में आग लगा दी है। पुलिस उन्हें आगजनी से रोकने के लिए हवाई फायरिंग कर रही है। डीएम, एसएसपी और मीडियाकर्मियों को भी पत्थर लगे हैं। कई आरपीएफ जवान भी घायल हुए हैं। डेढ़ घंटे से लगातार पत्थरबाजी हो रही है। एडीजी ने प्रदर्शनकारियों को पत्थरबाजी नहीं बंद पर सख्ती की चेतावनी दी है।
पैगंबरे इस्लाम मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर शहर में माहौल खराब करने की सूचना पर शुक्रवार को पुलिस खासा सतर्क थी। पुराने शहर में हर तरफ फोर्स तैनात थी। जुमे की नमाज से पूर्व पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने पुलिसिंग भी बढ़ा दी गई थी। व्हाट्स एप, फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम आदि नेटवर्किंग साइट्स पर निगरानी के लिए 161 पुलिसकर्मियों की टीम लगाया था। इन सब सतर्कता के बाद भी प्रयागराज में बवाल कैसे हुआ यह सवाल उठ रहा है।
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