संगरूर उप चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार दलबीर सिंह गोल्डी के प्रचार करने पहुंचे हलका भारत भूषण आशु व संजय तलवाड़।पंजाब में 23 जून को होने जा रहे संगरूर में उप-चुनाव को लेकर जिला लुधियाना की कांग्रेस बिल्कुल सक्रिय नजर नहीं आ रही। आज से पूरे 10 दिन बाद संगरूर में उप चुनाव होने जा रहे है, बाकी सभी राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है लेकिन लुधियाना जिला कांग्रेस के हारे हुए विधायक अभी तक हार के गम से बाहर नहीं निकल पा रहे।बता दे कि संगरूर में लुधियाना शहर से हलका पश्चमी से उम्मीदवार और पंजाब कांग्रेस कमेटी के वर्किंग प्रधान भारत भूषण आशु और हलका पूर्वी से उम्मीदवार संजय तलवाड़ ही संगरूर पहुंचे है। जिन्होंने संगरूर पहुंच कांग्रेस के उम्मीदवार दलबीर सिंह खंगूड़ा (गोल्डी) के हक में मीटिंगें करनी शुरू की है। बते दें कि चुनाव से 11 दिन पहले ही पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान बरिंदर सिंह ढिल्लों, जालंधर से विधायक प्रगट सिंह, पंजाब प्रदेश कमेटी के उप प्रधान इंद्रजीत सिंह बुलारीया पहुंचे है। वहीं लुधियाना जिला कांग्रेस की बात की जाए तो जिला प्रधान अश्वनी शर्मा और मेयर बलकार सिंह ने उप-चुनाव को लेकर अभी तक शहर के जमीनी स्तर के वर्करों और पार्षदों से कोई बैठक नहीं की। जिला में कांग्रेस की उप-चुनाव को लेकर कोई गतिविधी न होना कही न कही कांग्रेस को शहर में कमजोर कर रहा है।हारे उम्मीदवारों द्वारा उप-चुनाव में किसी तरह की कोई संजीदगी न दिखाना यह साबित कर रहा है कि हम तो हारे ही है अब तुम्हें क्यों जीतने दे। वहीं दूसरी तरफ भाजपा शहर में गतिविधीयों के मामले में लगातार ऊपर उठ रही है। भाजपा के प्रदेश बाडी के नेता आए दिन शहर में कही न कही बैठकें कर रहे है। आज भी भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्रवनी शर्मा उप-चुनाव पर अपने वर्करों से बैठक और रैली करने लुधियाना पहुंच रहे है.चुनाव के बाद ये उम्मीदवार नहीं नजर आएविधान सभा चुनाव के बाद जिला कांग्रेस के उम्मीदवार लोगों से दूरी बनाए है। न ही कोई मीडिया में उनकी एक्टिविटी नजर आ रही है और न ही कभी शहर के किसी मुद्दे पर घरों से बाहर निकल विपक्ष की भूमिका निभा रहे। जब कभी कोई प्रदेश स्तरीय नेता लुधियाना पहुंचता है फिर जरूर इन हारे नेताओं को प्रदेश स्तरीय बैठकों में देखा जा सकता है।बता दें कि यदि जिला कांग्रेस के हारे उम्मीदवारों अभी से घरों में बैठ गए तो निगम चुनाव में लुधियाना में कांग्रेस का मेयर दोबारा बनना आसान नहीं। कई पार्षद जो कांग्रेस पार्टी से जुड़े है वह खुद इस बात पर चिंतत है कि उनके नेता घरों में बैठे और उन पार्षदों को अभी से निगम चुनाव की टेशन सताने लगी है। दबी जुबान में पार्षद भी कह रहे है कि जाखड़, वेरका के भाजपा में जाने के बाद और नवजोत सिंह सिद्दू पटियाला जेल जाने के बाद कांग्रेस काफी कमजोर हो गई है।
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5751900cookie-checkसंगरूर उप चुनाव में सिर्फ आशू और तलवाड़ आए नजर, जिला प्रधान और मेयर डयूटियां लगाने में असमर्थ
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