जगदलपुर: मेकाज के 200 सुरक्षाकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं।छत्तीसगढ़ में बस्तर के सबसे बड़े डिमरापाल मेडिकल कॉलेज (मेकाज) के 200 सुरक्षाकर्मी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं। समय पर वेतन न मिलने और निजी कामों के लिए अवकाश न देने का विरोध कर रहे हैं। इतनी संख्या में एक साथ सुरक्षाकर्मियों के हड़ताल पर जाने से मेकाज की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ा जाएगी। हालांकि, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने सभी को हड़ताल पर जाने से मना भी किया है। समाधान निकालने की बात कही है।दरअसल, डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा ड्यूटी के लिए मेकाज प्रबंध ने भिलाई की एक निजी कंपनी से अनुबंध किया था। इस कंपनी ने 200 सुरक्षाकर्मियों को अस्पताल में ड्यूटी पर रखा है। सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि, पिछले कुछ महीने से उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है। जब सैलरी की मांग की जाए तो कहते हैं देंगे। इससे पहले 2-3 महीने के अंतराल में एक बार सैलरी आती थी। जिससे काफी परेशानी होती थी। अब जब तक नियमित रूप से सैलरी नहीं मिलेगी, तब तक हड़ताल पर रहेंगे।अवकाश मांगों तो करते हैं मानसिक रूप से प्रताड़ितमेकाज के सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि, यदि घरेलू काम के लिए या फिर पारिवारिक कारणों से अवकाश मांगा जाए तो सिर्फ फटकार मिलती है, पर अवकाश नहीं देते। साथ ही मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया जाता है। प्रबंधक और सुपरवाइजर को इन समस्याओं की कई बार जानकारी दिए जाने के बाद भी उनकी तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया है। इसी वजह से सभी सुरक्षाकर्मियों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया।हड़ताल पर जाने से क्या होगा नुकसान?बस्तर का डिमरापाल मेडिकल कॉलेज संभाग का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज है। संभाग के सातों जिलों के मरीज इलाज के लिए यहीं आते हैं। मेकाज के मुख्य द्वार से लेकर वार्डों के बाहर तक सुरक्षा की जिम्मेदारी इन्हीं कर्मियों की होती है। 200 कर्मी शिफ्ट के हिसाब से ड्यूटी करते हैं। साथ ही ग्रामीण इलाकों से आए मरीज और उनके परिजनों को वार्ड बॉय के साथ मिलकर अस्पताल के बारे में जानकारी और इलाज के लिए मदद भी करते हैं। जिससे अशिक्षित ग्रामीणों को समय पर सुविधा मिल जाती है और उन्हें यहां-वहां भटकना नहीं पड़ता है।
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