भोपाल । राज्य सरकार बिजली बिल की अग्रिम राशि पाने के लिए प्रीपेड मीटर को बढ़ावा देगी। वर्तमान में कंपनियों को बिजली आपूर्ति के डेढ़ महीने बाद राशि का भुगतान प्राप्त होता है। साथ ही, बिजली चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटर भी लगाए जाएंगे।केंद्र सरकार की रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत राज्य की विद्युत वितरण कंपनियों की कार्ययोजना को कल हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई। वर्ष 2025 तक सभी उपभोक्ताओं के मीटर को प्रीपेड स्मार्ट मीटर में परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र सरकार ने विद्युत वितरण व्यवस्था में सुधार के लिए योजना तैयार की है। इसमें 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा दी जाएगी और 40 प्रतिशत राशि राज्य को लगानी होगी। इसके आधार पर ऊर्जा विभाग ने प्रस्ताव तैयार करके कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया था। प्रोजेक्ट में 14886 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ऐसे क्षेत्र, जहां बिजली हानि अधिक होती है या बिजली की चोरी होती है। सभी औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के मीटर बदलेंगे। शहरी क्षेत्रों में 50 प्रतिशत अधिक उपभोक्ताओं वाले वे क्षेत्र जहां वर्ष 2020-21 में हानि 15 प्रतिशत और वर्ष 2020-21 में 25 प्रतिशत से अधिक है। दूसरे चरण में सभी उपभोक्ताओं के मीटर प्रीपेड स्मार्ट मीटर में परिवर्तित किए जाएंगे। मीटर बदलने के साथ ही ट्रांसफार्मर का मीटरीकरण भी किया जाएगा। केंद्र सरकार उपभोक्ता प्रति मीटर के लिए 900 रुपये का अनुदान देगी। दिसंबर 2023 तक साढ़े सात प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि 450 रुपये दिए जाएंगे। वित्तीय वर्ष 2022-23 में घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध करने के लिए सरकार बिजली कंपनियों को 22 हजार 676 करोड़ रुपये का अनुदान देगी। अभी बजट में 13 हजार 97 करोड़ रुपये का प्रविधान रखा गया है। ऊर्जा विभाग ने शेष राशि के लिए अनुपूरक बजट में प्रविधान करने संबंधी प्रस्ताव रखा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राशि कंपनियों को देना आवश्यक है, इसलिए इसका प्रविधान बजट में किया जाएगा। वहीं, एक अन्य निर्णय में ग्रीन एनर्जी कारिडोर के पहले चरण की परियोजना को पूरा करने के लिए केएफडब्ल्यू से स्वीकृत ऋण राशि यूरो 124 मिलियन का पूरा उपयोग करने की स्वीकृति दी गई। इसमें नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं से विद्युत की निकासी के लिए ट्रांसमिशन प्रणाली के विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया जाना है। दो चरण वाली इस परियोजना की लागत 47 हजार करोड़ रुपये है।
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5304700cookie-checkसरकार बिल की अग्रिम राशि पाने प्रीपेड मीटर को देगी बढ़ावा
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