सहारनपुर से दिल्ली रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की छत पर बैठे 100 लोग, यात्री बोले, पहले 20 ट्रेनें थीं, अब सिर्फ 5 बचीं
बागपत: बागपत से एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है। इसमें 100 से ज्यादा लोग ट्रेन की छत पर बेखाैफ होकर यात्रा कर रहे हैं। इलेक्ट्रिक लाइन होने के बावजूद ऊपर हाईटेंशन लाइन है। बावजूद इसके, लोग लापरवाह हैं। उन्हें न हादसे की चिंता है और न किसी अनहोनी की।इस वीडियो के बाद रेल अधिकारी भी सचेत हो गए। उन्होंने ट्रेन से ऐसा सफर न करने की अपील की है। यात्रियों की मानें तो कोरोना के बाद से महज एक चौथाई ट्रेन रह जाने से हालत और ज्यादा खराब हो गई है।जान जोखिम में डालकर रोजाना यात्री करते हैं ट्रेन का सफर।100 लोग ट्रेन की छत पर बैठेयह वीडियो दिल्ली -शामली- सहारनपुर रेलमार्ग का है। जोखिम भरा यह वीडियो खेकड़ा का बताया जा रहा है। ट्रेन की हालत यह है कि 100 लोग ट्रेन की छत पर बैठकर सफर कर रहे हैं। वहीं, ट्रेन के दरवाजे में भी 300 से 400 लोग लटके नजर आ रहे हैं। इन यात्रियों को किसी अनहोनी का डर भी नहीं है। ऐसे में अब चर्चा हो रही है कि आखिर जोखिम भरा सफर क्यों कर रहे हैं।इलेक्ट्रिक लाइन से महज एक फीट की दूरी पर बैठकर सफर करते हैं यात्री।181 किमी का जोखिम भरा सफरदिल्ली से सहारानपुर की रेलवे ट्रैक की कुल दूरी 181 किमी की है। यात्रियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कोरोना काल के बाद ट्रेनों की संख्या कम हो गई है। इससे ट्रेनों में सवारियों की संख्या और ज्यादा बढ़ गई है। इससे मजबूरन ट्रेन की छत पर सफर करना पड़ता है। 181 किमी के इस सफर में कई जोखिम उठाने पड़ते हैं।ट्रेन की छत पर और ट्रेन में लटककर 50 से 60 किमी का सफर करते हैं लोग।पहले थीं 20 ट्रेनें, अब सिर्फ 5 बचींयात्रियों के मुताबिक दिल्ली से सहारनपुर के बीच पहले 20 पैसेंजर ट्रेनें संचालित होती थी। इससे यात्रियों को सुविधा होती थीं, लेकिन कोरोना काल में ट्रेनें बंद हो गईं। इसके बाद अब सिर्फ 5 पैसेंजर ट्रेनें ही संचालित हो रही हैं। इससे हर स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ रहती है। वहीं, सहारनपुर और शामली जैसे कई स्टेशनों से 10 हजार लोग रोजाना नौकरी के लिए दिल्ली जाते हैं। अब एक चौथाई ट्रेन बचने से यात्रियों की दिक्कतें बढ़ जाती हैं।दिल्ली जाने के लिए कुछ इस तरह सफर करते हैं यात्री।अतिरिक्त गाड़ियों की मांग कीइस मामले में स्टेशन मास्टर किशोर कुमार गुप्ता ने बताया कि ट्रेनों की संख्या कम है, इसलिए यात्रियों की भीड़ रहती है। अतिरिक्त गाड़ियों के संचालन की मांग की जा रही है। यात्रियों को ट्रेन की छत पर यात्रा न करने के लिए कहा जाता है। उनसे अपील की जाती है। इलेक्ट्रिक लाइन होने के कारण ट्रेन की छत पर बिल्कुल न चढ़ें।खेकड़ा स्टेशन मास्टर किशोर गुप्ता ने बताया कि कई गाड़ियों की मांग की है।पहले भी हो चुके हैं हादसेमालगाड़ी की छत पर बना रहा था वीडियोसैदपुर के रेलवे स्टेशन पर शनिवार शाम मालगाड़ी के छत पुनीत इंस्टाग्राम वीडियो बना रहा था। तभी हाईवोल्टेज करंट की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई थी। वह 80 फीसदी झुलस गया था।फर्रुखाबाद में दो लोगों की मौत हुई थीफिरोजाबाद में ट्रेन की छत पर बैठकर सफर कर रहे दो युवक हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गए, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। जिले के थाना सिरसागंज के तहत सिरसागंज रेलवे स्टेशन पर दो युवक फर्रुखाबाद से शिकोहाबाद जाने के लिए आए थे। फर्रुखाबाद पैसेंजर में अधिक भीड़ होने के कारण वो ट्रेन की छत पर बैठ गए। सिरसागंज के गांव नगलाधर्म के पास हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से मौके पर ही दोनों युवकों की मौत हो गई।

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