वॉशिंगटन । अमेरिकी अंतरिक्ष संस्थान नासा के वैज्ञानिक सूर्य पर एक विशालकाय सनस्पॉट को लेकर चिंतित है। नासा के वैज्ञानिक इस सनस्पॉट की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस सन स्पॉट का चेहरा सीधे पृथ्वी की ओर है। वैज्ञानिक इसके आकार को लेकर भी चिंतित हैं, क्योंकि ये तेजी से बढ़ रहा है। सनस्पॉट पिछले 24 घंटे में अपने व्यास का दोगुना हो गया है। इस सन स्पॉट का नाम एआर 3038 है। पृथ्वी की ओर सीधे इस सन स्पॉट के होने से ये सोलर फ्लेयर को हमारी ओर भेज सकता है।
स्पेस वेदर की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार से सोमवार की रात तक सनस्पॉट पृथ्वी के आकार का तीन गुना तक बढ़ गया। सनस्पॉट का आकार 31865 किमी से 51338 किमी हो गया। वैज्ञानिक इसके बढ़ते आकार को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि इससे निकलने वाले रेडिएशन पृथ्वी पर जीपीएस सिस्टम और रेडियो नेटवर्क को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी तरह की सोलर फ्लेयर की चेतावनी जारी नहीं की गई है। सनस्पॉट सूर्य में मौजूद एक अंधेरा का एरिया है। सनस्पॉट कुछ घंटों से लेकर कुछ महीनों तक रह सकते हैं। सभी सनस्पॉट सोलर से फ्लेयर पैदा नहीं होता है, लेकिन जब ऐसा होता है, तब उसका उसका जुड़ाव पृथ्वी से हो जाता है और असर पृथ्वी पर भी पड़ता है।
जब सूर्य की मेगनेटिक एनर्जी रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, हमारे सोलर सिस्टम में ये फ्लेयर्स अब तक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं। इन सोलर फ्लेयर से अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में एनर्जी रिलीज होती है। सन स्पॉट का आकार भले ही दोगुना हो रहा है, लेकिन इसका बढ़ता आकार चिंता की बात नहीं है। स्पेस वेदर के मुताबिक इस सन स्पॉट से अगर कोई फ्लेयर निकलती है तो वह एम-क्लास यानी मीडियम होगी। यूरोपीय स्पेस एजेंसी के मुताबिक एम-क्लास की फ्लेयर के कारण धरती पर कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा, हालांकि इसके होने से रेडियो ब्लैकआउट देखने को मिल सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि एक बड़ा सोलर तूफान धरती के चुंबकीय क्षेत्र में भी कुछ समस्या पैदा कर सकता है, जिससे कई पक्षी अपना रास्ता भूल सकते हैं।

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