कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने शुक्रवार को अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस सिक्यॉरिटीज पर 9 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। सेबी ने बाजार मानदंडों के साथ-साथ शेयर ब्रोकरों के नियमों का उल्लंघन करने के मामले में ये एक्शन लिया है। जुर्माने का ये आदेश सेबी और शेयर बाजारों द्वारा सेबी-रजिस्टर्ड शेयर ब्रोकर रिलायंस सिक्यॉरिटीज लिमिटेड (RSL) के अधिकृत व्यक्तियों के खातों, रिकॉर्ड और अन्य दस्तावेजों की विषयगत ऑनसाइट जांच के बाद आया है। रिलायंस सिक्यॉरिटीज, रिलायंस कैपिटल की सब्सिडरी कंपनी है। रिलायंस सिक्यॉरिटीज एक ब्रोकिंग फर्म है और ये देश की सबसे बड़ी रिटेल ब्रोकिंग कंपनियों में से एक है।
सेबी ने 23 अगस्त को जारी किया था कारण बताओ नोटिस
शेयर ब्रोकर नियमों, एनएसईआईएल कैपिटल मार्केट रेगुलेशन्स और एनएसई फ्यूचर एंड ऑप्शन कारोबार मानदंडों के प्रावधानों के संबंध में आरएसएल द्वारा अपेक्षित तरीके से इनके रखरखाव को परखने के लिए ये जांच कराई गई थी। ये जांच अप्रैल, 2022 से दिसंबर, 2023 की अवधि के लिए की गई थी। जांच के निष्कर्षों के अनुसार, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 23 अगस्त, 2024 को रिलांयस सिक्यॉरिटीज को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया।
सेबी ने जांच में पाए कंपनी द्वारा किए कई उल्लंघन
सेबी ने 47 पेज के आदेश में रिलायंस सिक्यॉरिटीज लिमिटेड और उसके अधिकृत लोगों द्वारा किए गए कई उल्लंघन पाए। इनमें कस्टमर ऑर्डर प्लानिंग को रिकॉर्ड करने के लिए पर्याप्त सिस्टम का रखरखाव न करना, टर्मिनल पॉइंट्स में गड़बड़ियां और अन्य ब्रोकरों के साथ शेयर किए गए ऑफिसों में अलगाव की कमी शामिल है।
जरूरी ऑर्डर प्लानिंग रिकॉर्ड मेनटेन करने में विफल रही कंपनी
जांच में ये भी पाया गया कि रिलायंस सिक्यॉरिटीज अपने अधिकृत लोगों- जितेंद्र कंबाद और नैतिक शाह से जुड़े ऑफलाइन ग्राहकों के लिए जरूरी ऑर्डर प्लानिंग रिकॉर्ड मेनटेन रखने में विफल रही। सेबी ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने और अनधिकृत कारोबारों को रोकने के लिए ब्रोकरों को ग्राहक ऑर्डर के सत्यापन योग्य साक्ष्य बनाए रखने का आदेश दिया है।
पीटीआई इनपुट्स के साथ
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