मोरिंगा का इस्तेमाल आयुर्वेद में सदियों से होता आ रहा है। यहां तक कि भारतीय घरों में सहजन की फलियों से कई तरह से भोजन तैयार किया जाता है। अफ्रीकी देशों में भी मोरिंगा की पत्तियों, फूल, फलियों आदि का उपयोग सालों से हो रहा है। इसका स्वाद भले ही कमाल का न हो, लेकिन सेहत को फायदे कई हैं।मोरिंगा जिसे ड्रमस्टिक्स यानी सहजन की फलियों के नाम से जाना जाता है, में कई तरह के फायदे छिपे हैं। इसमें पोटैशियम की उच्च मात्रा होती है, जो ब्लड प्रेशर और शुगर के स्तर को रेगूलेट करने का काम करता है।
ज़रूरी विटामिन्स प्रदान करता है : एक कप मोरिंग से बनाया गया पाउडर विटामिन-सी, विटामिन-बी6, आयरन, कैल्शियम, विटामिन-ए, ई, मैग्नीशियम, और राइबोफ्लेविन से भरपूर होता है। यह आंखों, हड्डियों और स्किन केयर में काफी फायदेमंद साबित होता है। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को भी कम करता है और थाइरॉयड के स्तर को कम कर नींद और पाचन को बेहतर बनाता है।
पौधे आधारित प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत है : सुबह नाश्ते में अगर मोरिंगा के पत्तों से बनी स्मूदी को रोज़ पिया जाए, तो यह काफी फायदेमंद हो सकता है। इसमे प्रोटीन की एक बड़ी मात्रा होती है, जो मांसपेशियों की मरम्मत, ऊर्जा उत्पादन और मूड को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है।
सूजन को कम करता है : रोज़ अगर ड्रमस्टिक्स यानी सहजन की फलियों का सेवन किया जाए, जो कि मोरिंगा का फल है, तो इससे शरीर में सूजन कम हो सकती है।
पाचन में सुधार करता है : मोरिंगा पाउडर एक एंटीबायोटिक है, जो पेट को परेशान करने वाले रोगजनकों के विकास को रोकता है। यह कोलाइटिस और IBS जैसी दिक्कतों को ठीक करने का काम करता है।
लिवर की सुरक्षा करता है : मोरिंगा एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर है क्योंकि यह रक्त को फिल्टर करता है, रसायनों को डिटॉक्सीफाई करता है, और किसी भी ज़हरीले रसायन से बचाता है जो लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है। यहां तक कि यह फाइब्रोसिस कोशिकाओं को मारने में भी मदद करता है, जिनका लिवर में होने का बड़ा ख़तरा होता है।

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