50F64F81645A2A453ED705C18C40448C

हवन में आहुति के दौरान क्यों बोला जाता है स्वाहा

हिंदू धर्म में हवन (Hawan) करने की परंपरा बहुत पुराने समय से चली आ रही है. सनातन धर्म में कई तरह के धार्मिक अनुष्ठानों के बारे में बताए गए हैं. जिसमें हवन यज्ञ के विशेष महत्व के बारे में बताया गया है.

हिंदू धर्म में शुभ अवसरों या मौकों पर हवन-अनुष्ठान करने का विधान (Swaha in havan) होता है. ये न सिर्फ नया घर खरीदते समय बल्कि शादी-ब्याह जैसे तमाम मौकों पर किया जाता है. आपने ये तो देखा होगा कि हवन करने के दौरान मंत्र के बाद स्वाहा शब्द जरूर बोला जाता है. इसके बाद ही आहुति दी जाती है. लेकिन, क्या आपको पता है कि आखिर हर आहुति पर स्वाहा (swaha during puja) शब्द क्यों बोला जाता है इसे बोलना क्यों जरूरी माना जाता है? अगर नहीं, तो चलिए हम आपको बताते हैं कि हर आहुति पर स्वाहा शब्द क्यों बोला जाता है.

स्वाहा का अर्थ क्या होता है –

जब भी हवन होता है उसमें स्वाहा का उच्चारण करते हुए हवन सामग्री हवन कुंड में डाली जाती है. स्वाहा का अर्थ – सही रीति से पहुंचाना होता है. माना जाता है कि कोई भी यज्ञ तब तक सफल नहीं माना जा सकता है जब तक कि हविष्य का ग्रहण देवता न कर लें. देवता ऐसा हविष्य तभी स्वीकार करते हैं जबकि अग्नि के द्वारा स्वाहा के माध्यम से अपर्ण (swaha meaning during havan) किया जाए.

मनुष्य को देवता से जोड़ती है अग्नि –

दरअसल, ऋग्वैदिक काल में आर्यों ने यज्ञ करने के दौरान देवी-देवताओं तक हवन की सामाग्री सही रिति से पहुंचाने के लिए अग्नि का प्रयोग शुरू किया था. अग्नि एक ऐसा माध्यम है जो मनुष्यों को देवताओं के साथ जोड़ता है मनुष्य जो भी देवताओं को समर्पित करना चाहता है. वो अग्नि में आहुति देकर उन तक पहुंचा (agni puran story) देते हैं.

सभी सामग्री स्वाहा को समर्पित –

कथा के मुताबिक, प्रकृति की एक कला के रूप में स्वाहा का जन्म हुआ था. भगवान कृष्ण ने स्वाहा को आशीर्वाद दिया था कि देवताओं को ग्रहण करने वाली कोई भी सामग्री बिना स्वाहा को समर्पित किए देवताओं तक नहीं पहुंच पाएगी. यही कारण है कि हवन के दौरान स्वाहा जरूर बोला जाता है.

भगवान कृष्ण का है वरदान –

पौराणिक कथाओं के अनुसार, स्वाहा राजा दक्ष की पुत्री का नाम है. दक्ष ने अग्निदेव से स्वाहा का विवाह किया था. इसके अलावा स्वाहा प्रकृति की एक कला था. उसे भगवान श्रीकृष्ण का वरदान प्राप्त था कि केवल उसी के कारण देवतागण आहुति को ग्रहण कर पाएंगे. इसके साथ ही अग्निदेव को हविष्यवाहक भी कहा जाता है. अग्निदेव की पत्नी स्वाहा के पावक, पवमान शुचि नामक के तीन पुत्र भी हुए.

693900cookie-checkहवन में आहुति के दौरान क्यों बोला जाता है स्वाहा
Artical

Comments are closed.

Video : National Lok Adalat Organized In Kapurthala – Amar Ujala Hindi News Live     |     Bihar Minor Girl Who Ran Away From Devghar After Quarrelling With Her Sister Reached Purnia Red Light Area – Amar Ujala Hindi News Live     |     Sambhal Administration: The Name Of This Place Will Be Changed, Now Mujahidpur Will Be Known As Kailadevi – Amar Ujala Hindi News Live     |     Uniform Civil Code Cm Dhami Said State Moved Forward Rapidly To Implement Ucc Credit Goes To Public – Amar Ujala Hindi News Live     |     Mp High Court News Love Affair With Son, Case Registered Against Parents – Jabalpur News     |     Rpsc Assistant Professor 2024 Notification Released At Rpsc.rajasthan.gov.in; Apply For 575 Posts From Jan 12 – Amar Ujala Hindi News Live     |     Rohtak: Pgi Doctors Will Now Provide Treatment In The Entire State Through Online Medium, This Training Has Be – Amar Ujala Hindi News Live     |     From Manusmriti to Eklavya: Rahul Gandhi continues with scripture, symbols to attack BJP | India News     |     Mother’s Love: Kamala Fought With A Pack Of Dogs To Save Her Threeyear Old Child – Amar Ujala Hindi News Live     |     RRB JE 2024: रेलवे जूनियर इंजीनियर भर्ती परीक्षा 16 दिसंबर से शुरू, एडमिट कार्ड जारी, ऐसे करें डाउनलोड     |    

9213247209
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9907788088