हेडलाइंस
'Predictable tactic': India calls out Pakistan's 'delirious' leadership over terror claims, says remark to deflect internal power grab | India News Bihar News: An E-rickshaw Hit A Man On Bailey Road In Patna; He Fell And Then Collided With A Motorcycle. - Amar Ujala Hindi News Live Sir In Up: 60% Voters Distributed Counting Forms, Akhilesh Says It's A Conspiracy To Cut Sp Voters - Amar Ujala Hindi News Live - यूपी में एसआईआर:60 फीसदी मतदाताओं को बांटे गए गणना फॉर्म, अखिलेश बोले Uttarakhand Forest Guard Exam Case Cm Approves Investigation Against Two Former Ifs Officers - Amar Ujala Hindi News Live Watch Amar Ujala Special Report On Delhi Car Blast - Amar Ujala Hindi News Live Khandwa News: Security Tightened In Omkareshwar After Delhi Blast, Vigil Increased From Temples To Ghats - Amar Ujala Hindi News Live Kota News: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने छुआ 180 किमी/घंटा का आंकड़ा, लोडेड और खाली दोनों हालातों में सफल परीक्षण राहु के नक्षत्र में ग्रहों के राजा सूर्य करेंगे प्रवेश, इन 3 राशियों को मिलेगा किस्मत का साथ  Himachal News: पीजी कर रहे आयुष डॉक्टरों को अब मिलेगा पूरा वेतन, सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला IPL 2025 Auction: भारत के बाहर होगी प्लेयर्स की नीलामी, इस दिन ऑक्शन की संभावना

हार्दिक पटेल के खिलाफ दर्ज हैं 23 मुकदमे, उनके राजनीतिक भविष्य पर क्या होगा इसका असर? जानें

हार्दिक पटेल ने गत 18 मई को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने दावा किया कि पाटीदार नेता को डर था कि उनके खिलाफ दर्ज किए गए देशद्रोह के मामलों में उन्हें जेल हो जाएगी. इसलिए उन्हें ‘किसी’ (उनका इशारा भाजपा की ओर था) के शरण की जरूरत महसूस हुई.

नई दिल्ली: हार्दिक पटेल ने गत 18 मई को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने दावा किया कि पाटीदार नेता को डर था कि उनके खिलाफ दर्ज किए गए देशद्रोह के मामलों में उन्हें जेल हो जाएगी. इसलिए उन्हें ‘किसी’ (उनका इशारा भाजपा की ओर था) के शरण की जरूरत महसूस हुई. हार्दिक के खिलाफ क्या मामले हैं, और वे उनके राजनीतिक करियर को कैसे प्रभावित कर सकते हैं? आइए विस्तार में समझने की कोशिश करते हैं…

हार्दिक पटेल के खिलाफ दर्ज मुकदमे

साल 2015 से 2018 के बीच दर्ज कम से कम 30 एफआईआर में हार्दिक को आरोपी के रूप में नामित किया गया है. इनमें से 7 मुकदमे 2015 में गुजरात में पाटीदार समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर हुए आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए थे, जिसमें दंगा और देशद्रोह जैसे कई आपराधिक अपराधों के लिए हार्दिक को आरोपित किया गया था. हार्दिक पटेल इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे. पाटीदार आंदोलन में कथित आंतरिक विवादों के लिए हार्दिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

उदाहरण के लिए, सरदार पटेल समूह के तत्कालीन उपाध्यक्ष प्रकाश पटेल की शिकायत पर हार्दिक के खिलाफ वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए, अगस्त 2015 में मेहसाणा के काडी पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अन्य मामलों में 2016 में सूरत के सचिन पुलिस स्टेशन में जेल अधिनियम के तहत हार्दिक पटेल के खिलाफ एक मामला दर्ज हुआ था. जब उन्हें अदालत की सुनवाई में पेशी के लिए विसनगर ले जाया जा रहा था, उनकी जेब से एक मोबाइल फोन चार्जर, बैटरी और पत्र की बरामदगी हुई थी. इस मामले का निपटान 2017 में सूरत जेएमएफसी द्वारा कर दिया गया था. हार्दिक के मुताबिक फिलहाल उनके खिलाफ 23 केस चल रहे हैं.

हार्दिक पटेल ने 2016 में गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष अपने खिलाफ दर्ज मामलों के संबंध में राहत की मांग करते हुए, शपथ ली थी कि, ‘वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी गतिविधि में शामिल हुए बिना, जो अपराध हो सकता है, पाटीदार समुदाय की परेशानियों को उठाते रहेंगे, और उसके निवारण के लिए सरकार का विरोध करना जारी रखेंगे. वह राज्य भर में कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा करने वाले किसी भी कार्य या गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे. किसी भी तरह से जनता को उकसाने वाली गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे.’

लेकिन 2015 के पाटीदार आंदोलन से उपजी बाद की रैलियों और विरोध प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप 2016, 2017 और 2018 में हार्दिक के खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज हुईं. गुजरात सरकार, इसका इस्तेमाल अक्सर सजा, जमानत या किसी भी मामले में राहत के लिए हार्दिक की याचिका का विरोध करने के लिए करती है. इनमें से अधिकांश एफआईआर सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन करते हुए गैरकानूनी सभा का आयोजन या राज्य प्राधिकरण द्वारा अनुमति देने से इनकार करने के बावजूद रैलियां या सार्वजनिक सभा आयोजित करने से संबंधित थीं.

हार्दिक पटेल के खिलाफ दर्ज मुकदमों की ताजा स्थितिवर्तमान में, हार्दिक को कम से कम 11 मुकदमों में अदालती कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा है, जो विभिन्न चरणों में लंबित हैं, इनमें 2 मुकदमे देशद्रोह के हैं. इस संबंध में एक एफआईआर अहमदाबाद के क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन में और दूसरी एफआईआर सूरत के अमरोली थाने में दर्ज है. शेष मामलों में या तो राज्य द्वारा केस वापस ले लिया गया है, गुजरात हाईकोर्ट द्वारा केस खारिज कर दिया गया है, सक्षम अदालत द्वारा केस में फैसला सुनाया गया है, या कोई कार्यवाही शुरू नहीं हुई है. जुलाई 2018 में विसनगर की अदालत ने दंगा और आगजनी के एक मामले में हार्दिक पटेल को 2 साल कैद की सजा सुनाई थी.

इस घटना के तहत साल 2015 में विसनगर में भाजपा विधायक रुषिकेश पटेल के कार्यालय में आग लगा ​दी गई थी. रुषिकेश अब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हैं. गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष एक अपील लंबित होने के कारण, सर्वोच्च न्यायालय ने इस वर्ष अप्रैल में निर्णय होने तक दोषसिद्धि के संचालन पर रोक लगा दी थी. इससे पहले हार्दिक ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने की योग्यता हासिल करने के लिए गुजरात हाई कोर्ट से अपने खिलाफ दोषसिद्धि पर रोक लगाने का प्रयास किया था, लेकिन अदालत ने रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

हाल ही में, दो अदालतों ने गुजरात सरकार को हार्दिक के खिलाफ मामले वापस लेने की अनुमति दी थी. एक मामला 2017 में मोरबी जिले के टंकारा में बिना अनुमति के सार्वजनिक रैली आयोजित करने के संबंध में था, और दूसरा 2017 में भाजपा पार्षद के आवास में तोड़फोड़ के संबंध में था. कम से कम 2 अन्य मामलों का निपटारा क्रमशः वडोदरा अदालत और सूरत की अदालत ने किया. गुजरात हाईकोर्ट ने दिसंबर 2021 में हार्दिक पटेल पर दर्ज एफआईआर और चार्जशीट को भी रद्द कर दिया था. उनके खिलाफ यह एफआईआर 2017 में भोपाल में पुलिस द्वारा अनुमति देने से इनकार करने के बावजूद रोड शो आयोजित करने के लिए दर्ज की गई थी.

हार्दिक पटेल पर अदालतों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधजुलाई 2016 में, गुजरात हाईकोर्ट ने 2015 के राजद्रोह मामले में हार्दिक पटेल को जमानत देते हुए, यह शर्त लगाई थी कि वह न्यायिक हिरासत से रिहा होने की तारीख से 6 महीने की अवधि के लिए गुजरात राज्य की सीमा से बाहर रहेंगे और न्यायालय की पूर्व अनुमति के बिना इन 6 महीनों में अपने निवास स्थान का पता नहीं बदलेंगे. हार्दिक ने यह समय राजस्थान के उदयपुर में बिताया था. जनवरी 2020 में, पाटीदार नेता को 2015 के राजद्रोह मामले में मुकदमे में पेश होने में विफल रहने के लिए गिरफ्तार किए जाने के बाद, अहमदाबाद ट्रायल कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत दी थी कि उन्हें गुजरात छोड़ने से पहले अदालत की अनुमति लेनी होगी. हार्दिक ने इस शर्त को हटाने की मांग करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय का रुख किया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी, जिसे उन्होंने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी.

जून 2021 में, अहमदाबाद ट्रायल कोर्ट ने हार्दिक को 1 साल की अवधि के लिए बिना पूर्व अनुमति के गुजरात से बाहर जाने की छूट दी, लेकिन नवंबर 2021 में, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की शर्त को रद्द कर दिया. साल 2018 में दंगों और रुषिकेश पटेल के कार्यालय में आगजनी के लिए हार्दिक की सजा के बाद, उन्हें जमानत दे दी गई थी, लेकिन इस शर्त पर कि वह मेहसाणा जिले में प्रवेश नहीं करेंगे, क्योंकि राज्य सरकार ने बताया था कि जिले में उनकी उपस्थिति ने कानून और व्यवस्था के मुद्दे पैदा किए थे. हार्दिक ने मेहसाणा में प्रवेश करने की अनुमति देने के लिए दिसंबर 2019 में एक अस्थायी संशोधन की मांग करते हुए गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट द्वारा उनकी इस याचिका पर सुनवाई के लिए अनुमति देने में अनिच्छा व्यक्त करने के बाद, हार्दिक ने याचिका वापस ले ली थी.

दोषसिद्धि की तलवार और चुनाव लड़ने की संभावनाजन प्रतिनिधित्व अधिनियम के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, एक दोषी व्यक्ति तब तक चुनाव नहीं लड़ सकता जब तक कि अदालत द्वारा उसकी दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगा दी जाती. एक मौजूदा सांसद/विधायक, अगर सीट धारण करने के कार्यकाल के दौरान दोषी ठहराया जाता है, तो उसे सजा के फैसले की तारीख से 3 महीने के अंदर सीट से अयोग्य घोषित किया जा सकता है, जब तक अपीलीय अदालत दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाती. एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2020 के आदेश को देखें, जिसमें उसने अन्य अदालतों को मौजूदा या पूर्व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आपराधिक मामलों पर तेजी से निर्णय लेने का निर्देश दिया था, हार्दिक के खिलाफ लंबित मामले उनकी चुनावी संभावनाओं पर लटकी हुई तलवार बने हुए हैं.

515960cookie-checkहार्दिक पटेल के खिलाफ दर्ज हैं 23 मुकदमे, उनके राजनीतिक भविष्य पर क्या होगा इसका असर? जानें
Artical

Comments are closed.

‘Predictable tactic’: India calls out Pakistan’s ‘delirious’ leadership over terror claims, says remark to deflect internal power grab | India News     |     Bihar News: An E-rickshaw Hit A Man On Bailey Road In Patna; He Fell And Then Collided With A Motorcycle. – Amar Ujala Hindi News Live     |     Sir In Up: 60% Voters Distributed Counting Forms, Akhilesh Says It’s A Conspiracy To Cut Sp Voters – Amar Ujala Hindi News Live – यूपी में एसआईआर:60 फीसदी मतदाताओं को बांटे गए गणना फॉर्म, अखिलेश बोले     |     Uttarakhand Forest Guard Exam Case Cm Approves Investigation Against Two Former Ifs Officers – Amar Ujala Hindi News Live     |     Watch Amar Ujala Special Report On Delhi Car Blast – Amar Ujala Hindi News Live     |     Khandwa News: Security Tightened In Omkareshwar After Delhi Blast, Vigil Increased From Temples To Ghats – Amar Ujala Hindi News Live     |     Kota News: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने छुआ 180 किमी/घंटा का आंकड़ा, लोडेड और खाली दोनों हालातों में सफल परीक्षण     |     राहु के नक्षत्र में ग्रहों के राजा सूर्य करेंगे प्रवेश, इन 3 राशियों को मिलेगा किस्मत का साथ      |     Himachal News: पीजी कर रहे आयुष डॉक्टरों को अब मिलेगा पूरा वेतन, सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला     |     IPL 2025 Auction: भारत के बाहर होगी प्लेयर्स की नीलामी, इस दिन ऑक्शन की संभावना     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9907788088